चेस द वायरस और ट्रिपल टी एक्शन प्लान से धारावी में कोरोना पर काबू पाने में कामयाबी मिली Nation by admin1 - July 11, 2020July 11, 20200 वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने कोरोनावायरस कंट्रोल को लेकर मुंबई के धारावी की मिसाल दी। उनके मुताबिक, धारावी में स्थिति काफी खराब थी, लेकिन तेजी से कार्यवाही करने से कंट्रोल हो गई। गेब्रेयेसस के मुताबिक, कम्युनिटी एंगेजमेंट, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेटिंग और सभी बीमारों के इलाज पर फोकस कर कोरोना की चेन को तोड़ना और संक्रमण को खत्म करना संभव है। यहां जानते हैं कि मुंबई के धारावी में आखिर किन तरीकों का इस्तेमाल करके संक्रमण पर काबू पाया गया। धारावी में कुल केस 2359 हैं। एक्टिव केस 166 हैं। ट्रिपल टी प्लान रहा सबसे कारगर6 लाख से ज्यादा आबादी वाली एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में कोरोना से लड़ने के लिए बीएमसी की ओर से ट्रिपल टी यानी ट्रेस-टेस्ट-ट्रीटमेंट के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया। इसका इस्तेमाल कर दक्षिण कोरिया लगभग पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुका है। चेस द वायरस: एक्शन प्लान धारावी मुंबई के जी-नॉर्थ वॉर्ड में आता है। यहां के असिस्टेंट कमिश्नर किरण दिघावकर के मुताबिक, धारावी के लिए चेस द वायरस नाम से एक एक्शन प्लान बनाया गया था। इसमें घने इलाकों की स्क्रीनिंग, फीवर क्लिनिक की स्थापना, सर्वे और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शामिल है। ट्रेस कर लोगों को क्वारैंटाइन किया गयाबीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने हर झुग्गी में जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की। लक्षण वाले लोगों को आइसोलेट करना और टेस्ट करना शुरू किया। यहां के स्कूल, कॉलेज को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया। यहां लगातार डॉक्टर, नर्स और 3 टाइम का खाना दिया गया। अब तक तकरीबन 12 हजार लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वारैंटाइन किया गया है। कुल 12 क्वारैंटाइन सेंटर बनाए गए थे, उनमें से 3 मरीज कम होने के बाद बंद हो गए हैं। तकरीबन ढाई हजार लोगों की टीम यहां तैनात थीधारावी के लिए बीएमसी 2450 लोगों की एक टीम तैनात की थी। जो लोगों को ट्रेस करने, टेस्ट करने और ट्रीटमेंट करने का काम कर रही थी। इसमें इसमें डॉक्टर, नर्स के साथ-साथ सैनिटाइजेशनवाले और सफाईकर्मी भी शामिल थे। इसके साथ 1250 लोगों की कॉन्ट्रेक्ट मेडिकल टीम भी यहां जुटी हुई थी। ये ज्यादातर लोगों की स्क्रीनिंग का काम करते थे। टॉयलेट पर फोकस संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा करण यहां के सार्वजनिक शौचालय को माना गया। जिसे तकरीबन 80% लोग इस्तेमाल करते हैं। यहां तकरीबन 450 परमानेंट टॉयलेट्स हैं। बीएमसीकर्मियों ने इन्हें दिन में 5 से 6 बार सैनिटाइज करना शुरू किया। हर टॉयलेट के बाहर हैंडवाश रखा जाता था। प्राइवेट कंपनियों की सहायता से यहां फ्री में हाथ धोने का साबुन बांटा गया। पहले दिन में आते थे 100 से ज्यादा केस, अब सिर्फ 2 केसएक अप्रैल को धारावी में पहला मामला सामने आया था। इसके बाद हर हफ्ते करीब 100 केस सामने आए। अब यह संख्या बिल्कुल निचले स्तर पर आकर 2 हो गई है।