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जबलपुर में बनेंगे सुखोई और तेजस के लिए 250 केजी एचएसएलडी बम, आयुध निर्माणी में तैयारियां शुरू

  • करीब एक साल पहले वायुसेना ने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए आयुध निर्माणी को बम बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करने कहा था
  • पहला प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भविष्य में इन बमों को बनाने के लिए आयुध निर्माणी में एक अलग से प्लांट बनाने पर विचार किया जाएगा

यहां स्थित सेना के लिए हथियार बनाने वाले कारखाने (आयुध निर्माणी) भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई और तेजस के लिए ‘250 केजी एचएसएलडी बम’ बनाने का काम शुरू होने जा रहा है। इन बम के मिल जाने से वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब एक साल पहले वायुसेना ने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए आयुध निर्माणी को बम बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करने कहा था।

इसके बाद यहां बम के खोल बनाकर वायुसेना को भेजे गए। बम के खोल जांच में सेना के सभी पैमानों पर पास हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इन खोलों का लड़ाकू विमान सुखोई और तेजस में भी परीक्षण किया गया है। अब रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के माध्यम से 250 केजी बम के 300 नग बनाने कहा है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। रक्षा मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद जबलपुर आयुध निर्माणी के प्लांट एक और दो में इसे बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। ये भी कहा जा रहा है कि 300 बम बनाने का पहला प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भविष्य में इन बमों को बनाने के लिए आयुध निर्माणी में एक अलग से प्लांट बनाने पर विचार किया जाएगा।

क्या है बम की खासियत

  • 250 केजी हाइ स्पीड लो ड्रग (एचएसएलडी) बम’ को तेजस, सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है।
  • बम 10 से 30 किलोमीटर की ऊंचाई से युद्ध मैदान और बंकर, बिल्डिंग पर अचूक निशाना लगाते हैं।
  • 250 केजी बम की लंबाई 93 इंच (कुल 237 सेंटीमीटर) होगी। इस विध्वंसक बम का कुल वजन 135 किलोग्राम होगा।
  • बम में भरे गए बारूद की मात्रा 110 से 115 किलोग्राम तक होगी।

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