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सर्दियों में सबसे ज्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है कोरोना वायरस

मॉनसून के बाद सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसे मौमस में कम तापमान कोरोना संक्रमण की रफ्तार को और ज्यादा बढ़ाएगा। भारत के शोधकर्ताओं ने एक देश के औसत तापमान और कोविड-19 के बीच कनेक्शन को लेकर एक रिसर्च किया है।

शोधकर्ताओं ने ठंडे तापमान और बड़े पैमाने पर कोरोना की मार झेलने वाले देशों के बीच एक महत्वपूर्ण जुड़ाव होने का दावा किया है। अगर यह वाकई सच है तो उत्तरी गोलार्ध के देशों के लिए बड़ी मुसीबत आ सकती हैं, क्योंकि इसके देशों में साल के अंत तक सर्दियां शुरू हो जाएंगी।

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फ़ाइल फ़ोटो

शोधकर्ताओं के अनुसार, वायरस से लड़ने के लिए गर्मियों का समय ही सबसे बेहतर हो सकता है। राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी की बायोकेमिस्ट चांडी मंडल और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के महावीर सिंह पंवार ने अलग-अलग देशों के  तापमान और कोविड-19 के एक्टिव मामलों पर शोध किया है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मोटापे के मामलों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पूरी दुनिया में कोरोना के कारण मरने वाले लोगों में क्रॉनिकल डिसीज के शिकार लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।

इससे पहले भी एक्सपर्ट्स ने बताया था कि गर्मियों में कोरोना वायरस सुस्त पड़ जाएगा। सूर्य से निकलने वाले अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना के प्रभाव को कम कर देगी। साथ ही लोगों के शरीर को पर्याप्त विटामिन-डी मिलेगा, जो इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करने का काम करता है।

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