सीएचसी में एंटीबायोटिक नहीं Health by admin1 - July 11, 2020July 11, 20200 इस मौसमी बुखार के मौसम में जिले के सभी पांच सीएचसी में एंटीबायोटिक समाप्त हो गई हैं। हालात यह है कि जिले के नागरिक अस्पताल में दवाइयों की कमी को पूरा करने के लिए अकाउंट विभाग ने बीस लाख रुपये का लोन लिया है। गौरतलब है कि जिले के नागरिक अस्पताल, पांच सीएचसी, पंद्रह पीएचसी एवं 107 हेल्थ सेंटर पर दवाइयां गुड़गांव स्थित वेयर हाउस से आती है।दूसरी ओर आपात स्थिति में स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत मिलने वाली राशि जरूरी दवाइयों की खरीद कर सकता है। लेकिन बीते दो महीने से उक्त राशि नहीं मिलने के चलते यह खरीद नहीं हो पा रही है।इन पांच एंटी बायोटिक है टोटा रेवाड़ी स्थिति नागरिक अस्पताल में ओपीडी संख्या 1600 पार कर गई है। इस आंकड़े का साठ फीसदी बुखार से पीड़ितों का है। जिले में इन दिनों मलेरिया, चिकनगुनिया एवं वायरल के सर्वाधिक केस आ रहे हैं। वहीं इस सीजन में चिकनगुनियों के मरीजों में बीते सालों की तुलना में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। चिकनगुनिया एवं अन्य बुखारों में डॉक्टरों द्वारा अधिकतर सीमित मात्रा में एंटीबायोटिक लेने की सलाह मरीजों को दी जाती है। जिनमें एमोक्सीलीन, सिफलोक्स एवं लिवो फलोक्सीन जैसी दवाइयां सरकारी डॉक्टरों द्वारा दी जाती है। लेकिन जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में इन दवाइयों की भारी कमी चल रही है। बावल में नहीं दो महीने से एंटीबायोटिकजन स्वास्थ्य मंत्री डॉ बनवारी लाल के हल्के बावल स्थिति सीएचसी में बीते दो महीने से एंटोबायोटिक दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। वेयर हाऊस को डिमांड भेजने के बावजूद भी दवाइयां उपलब्ध नहीं होने से यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना वाले हेड मे भी धन उपलब्ध नहीं होने के कारण लोकल लेवल पर भी परचेज नहीं हो पा रही है। इधर यही हाल धारूहेड़ा स्थित स्वास्थ्य केंद्र का है। यहां पर भी हालत बहुत ज्यादा खराब हैं। इधर नाहड़ सीएचसी में भी महज एक सप्ताह की दवाइयां बची हुई हैं। बचे हुए स्वास्थ्य केंद्रों के हालात भी इससे इतर नहीं है।