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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए MP से कांग्रेस भेजेगी चांदी की 11 शिलाएं

कमलनाथ ने कहा धर्म बीजेपी का पेटेंट नहीं है. छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा हनुमान का मंदिर बनाया है और सत्ता में रहते हुए राम वन पथ गमन, गौशाला बनाने का कार्यक्रम पार्टी ने तय किया था. धार्मिक विकास हमारी भावनाओं से जुड़ा विषय है.

अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदि निर्माण भूमि पूजन को लेकर एमपी कांग्रेस ने बड़ी पहल की है. मंदिर निर्माण के लिए कांग्रेस चांदी की 11 शिलाएं भेजेगी. कांग्रेस कार्यकर्ता राशि जुटाकर चांदी की शिलाएं जमा करेंगे और फिर अयोध्या भेजेंगे.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए प्रदेश की जनता की तरफ से ये शिलाएं भेजी जाएंगी. कमलनाथ ने आज अपने सरकारी निवास पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. विधि विधान के जरिए हुए चालीसा हनुमान चालीसा में प्रदेश की समृद्धि खुशहाली की कामना की गयी. कमलनाथ ने हनुमान चालीसा के पाठ को अपनी आस्था का विषय बताया है. उन्होंने कहा वो कोई इवेंट नहीं कर रहे बल्कि अपनी आस्था जताने की कोशिश कर रहे हैं.

राम मंदिर राजीव गांधी की देन
कमलनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा, राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता की सहमति से हो रहा है.  भारत की संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है. राम मंदिर निर्माण राजीव गांधी की देन है. राजीव गांधी ने रामराज्य का सपना देखा था राम मंदिर निर्माण राजीव गांधी की सोच थी. राम मंदिर निर्माण के समय राजीव गांधी जिंदा होते तो उन्हें बड़ी खुशी होती. पूरे प्रदेश राम मंदिर निर्माण को लेकर खुशी की लहर है.


धर्म बीजेपी का पेटेंट नहीं
कांग्रेस के धार्मिक आयोजन पर बीजेपी की आपत्ति पर कमलनाथ ने कहा धर्म बीजेपी का पेटेंट नहीं है. कांग्रेस कोई भी धार्मिक आयोजन करती है तो बीजेपी के पेट में दर्द क्यों होता है. कांग्रेस की अपनी धार्मिक सोच है. पर हम इसे राजनीति का विषय नहीं बनाते. छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा हनुमान का मंदिर बनाया है और सत्ता में रहते हुए राम वन पथ गमन, गौशाला बनाने का कार्यक्रम पार्टी ने तय किया था. धार्मिक विकास हमारी भावनाओं से जुड़ा विषय है.

किसके राम
राम मंदिर निर्माण को लेकर पार्टी से अलग कमलनाथ ने खुलकर निर्माण का स्वागत करने की पहल की है. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब कमलनाथ ने इस तरीके का धार्मिक आयोजन किया हो. 2018 के चुनाव से पहले भी कमलनाथ मंदिर जाते हुए नजर आए थे. अब कांग्रेस पार्टी का फोकस 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है. एक बड़ी आबादी को साधने और बीजेपी को जवाब देने के लिए कांग्रेस ने भी राम नाम का सहारा लेना तेज कर दिया है। यही कारण है कि अब प्रदेश में राम मंदिर निर्माण से पहले ‘किसके राम’ को लेकर सियासत सियासी जंग जारी है.

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