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कमलनाथ ने शिवराज सरकार की सीखो कमाओ योजना को गुमराह करने का कार्यक्रम बताया

आ रही है – कमलनाथ

भोपाल – मध्यप्रदेश सरकार की सीखो कमाओ योजना को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुमराह करने का कार्यक्रम बताया है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव के 5 महीने बचे हैं, अब युवा याद आ रहे, किसान याद आ रहे, बहनें याद आ रहीं, 18 साल तक इनकी याद नहीं आई। सरकार अब मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। बता दें, मध्यप्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ को स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत ITI से लेकर हायर एजुकेशन तक कम्प्लीट कर चुके युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें 8 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री आज भोपाल में भारत जोड़ो अभियान (सामाजिक संगठनों के अधिवेशन) की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, दस साल पहले कोई सोच सकता था कि हमें भारत जोड़ो की बात करना पड़ेगी? आज ये बड़ी चिंता का विषय है। भारत जोड़ो की संस्कृति पर हमला हो रहा है। तमिलनाडु में हिंदी का विवाद, मणिपुर में आदिवासी, गैर आदिवासी को बांटना, कितने लोगों की हत्या हो गई। बाबासाहेब का बनाया संविधान खतरे में है। आप पार्टी, कमलनाथ, कांग्रेस के बारे में मत सोचिए। देश-प्रदेश की तस्वीर सामने रखकर सच्चाई का साथ देना।

भारत जोड़ो अभियान के नेशनल काउंसिल मेंबर योगेंद्र यादव ने कहा, हमारे देश के संविधान, संस्कृति, सभ्यता को खत्म किया जा रहा है। इसलिए सामाजिक संगठनों ने तय किया है कि आपस के झगड़े बाद में सुलझा लेंगे, लेकिन आज जो हमारे घर में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं, बाल्टी में पानी लेकर आग से घर को बचाना है। बाल्टी का रंग मत देखो, बस घर कैसे बचेगा ये सोचना है। आज देश में एक आवाज नारे के रूप में गूंज रही है- नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलनी है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद 6 फरवरी को भारत जोड़ो अभियान बना और इसके बाद कर्नाटक के चुनाव आ गए। वहां से हमारे जनसंगठनों ने भाजपा को बाहर कर दिया।

पंचायती राज संस्थाएं खतरे में

कमलनाथ बोले- हमारे यहां गवर्नेंस बाय डिफॉल्ट है। पंचायती राज बचा है क्या? पंचायत से मंत्रालय तक भ्रष्टाचार मचा है। जाति प्रमाणपत्र हो या राशन कार्ड पैसे दे दो तो बन जाएगा। हमारी पंचायती राज संस्थाएं खतरे में हैं। शिक्षा में प्राइवेट वालों को प्राथमिकता दो, सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। बिजली के खंभों पर तार नहीं हैं और तार हैं, तो बिजली नहीं है। 3 लाख 30000 करोड़ रुपए का कर्जा मध्यप्रदेश पर लाद दिया। इसका ब्याज चुकाने के लिए और कर्ज लिया जा रहा है। हमारे अतिथि शिक्षक, संविदा शिक्षक, आशा, उषा कार्यकर्ता… सब परेशान हैं।

कमलनाथ ने कहा, मैं मुख्यमंत्री था। अतिवृष्टि हुई तो नीमच, मंदसौर गया। शाम को जब वापस लौटा, तो अधिकारियों को बुलाया और कहा कि मैं देख कर आया हूं। अधिकारी बोले कि पटवारी – तहसीलदार सर्वे में लगाएंगे। मैंने उनसे कहा कि सर्वे तो मैं करके आया हूं। 1 हफ्ते के अंदर मुआवजा मिल जाना चाहिए, वरना मैं आपके ऑफिस में ताला डाल दूंगा। मुआवजा किसानों को मिल गया। इस तरह हम परिवर्तन ला सकते हैं। लेकिन, शिवराज सिंह तब इतनी घोषणाएं कर रहे हैं, जब चुनाव के 5 महीने बचे हैं।

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