करीब 66 साल बाद यह समाज कल्याण बोर्ड होगा बंद Uncategorized by mpeditor - May 13, 2023May 13, 20230 अप्रैल 2023 में इसे बंद करने का आदेश दिया गया भोपाल – 1956 में मप्र समाज कल्याण बोर्ड की शुरुआत हुई थी और इसे ताकत देने के लिए बाद में 25 परिवार परामर्श केंद्र भी बनाए गए। करीब 66 साल बाद यह बोर्ड बंद होने वाला है। अप्रैल 2023 में इसे बंद करने का आदेश दे दिया गया और इसी समय मप्र में पांच समाजों (ब्राह्मण, स्वर्णकार या सोनी, तेलघानी, रजक और विश्वकर्मा) के कल्याण के लिए नए बोर्ड बनाने की सियासी घोषणा की गई।पुराने समाज कल्याण बोर्ड में एक समय 23 पद थे। अब सचिव को मिलाकर 6 लोग हैं। ये कहते हैं, जब नए बोर्ड बना रहे हैं तो पुराने बोर्ड को बंद क्यों किया जा रहा। इसमें तो शर्त थी कि एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता ही अध्यक्ष बनेगी। यानी महिला के लिए बने एक उपक्रम का भी समापन होने वाला है। 66 साल पुराने बोर्ड दफ्तर की दीवारें सीलन से भर गई हैं। चार साल से पुताई नहीं हुई। सामान कबाड़ जैसा हो गया है। बोर्ड का मात्र एक करोड़ रुपए बजट है। इसमें आधा पैसा वेतन में खर्च होता है।बोर्ड में 2018 के बाद से कोई अध्यक्ष नहीं है। आखिरी अध्यक्ष पदमा शुक्ला रहीं। उनके इस्तीफे के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के कमिश्नर प्रशासक बन गए। उन्हें भी बोर्ड गए अरसा बीत गया। दरवाजे पर ताला लटक रहा है। सचिव डॉ. पीयूष खरे केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड से हैं और 13 अगस्त 2019 से पदस्थ हैं। डॉ. खरे का कहना है कि स्टाफ को दूसरे विभागों में शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेज दिया है।केंद्र ने हाल में बोर्ड को बंद करने का निर्णय लिया। केंद्रीय सोशल वेलफेयर बोर्ड राज्यों के बोर्ड को चलाता था। हालांकि केंद्र ने कहा कि राज्य अपने स्तर पर फैसला लें। मप्र में इसे बंद करने की प्रोसेस शुरू हो गई, जबकि राजस्थान ने खुद संचालन करना तय किया है।यह बोर्ड इतना अहम था कि इसमें नियुक्ति के लिए राज्य से बाकायदा केंद्र सरकार पैनल बुलवाती थी। यह भी साफ किया था कि कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि या लाभ के पद पर काम करने वाला व्यक्ति इसका अध्यक्ष नहीं हो सकता था।