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गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर पटना के कोर्ट में परिवाद दायर

सावंत ने एक मई को कहा था कि राज्य में 90 फीसदी अपराध प्रवासी मजदूर करते हैं

पटना – गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर पटना के कोर्ट में परिवाद दायर हुआ है। उन्होंने एक मई को कहा था कि राज्य में 90 फीसदी अपराध प्रवासी मजदूर करते हैं। इस बयान को लेकर बिहार में अभी तक राजनीतिक बयानबाजी हो रही थी। जदयू नेता ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश में दूसरे राज्य के लोगों को रोज अपमानित और प्रताड़ित करते रहते हैं। उन्हें लोकतंत्र और संविधान पर भरोसा नहीं है। भाजपाई मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को बिहार और उत्तरप्रदेश की जनता से माफ़ी मांगनी पड़ेगी। नहीं तो उन्हें क़ानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।
ज्ञात रहे कि सोमवार को पंजिम के श्रम शक्ति भवन में आयोजित मजदूर दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत कहा कि गोवा में अधिकतम अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं, और उन्होंने ठेकेदारों और नियोक्ताओं से अपील की कि वे राज्य में काम करने से पहले एक श्रम कार्ड प्राप्त करें. उन्होंने कहा, ‘गोवा में काम करने वाले हर प्रवासी मजदूर के पास मजदूर कार्ड होना चाहिए. हमने बजट में लेबर कार्ड देने का वादा किया था. यहां अपराध करने के बाद प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौट जाते हैं और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है. अनुपात देखा जाए तो अधिकतम गोवा में 90% अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं. चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य क्षेत्रों से हो. मैं उसके विवरण में नहीं जा रहा हूं.’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मजदूरों को कार्ड जारी करना सुनिश्चित करने के लिए दो एनजीओ को साथ लाया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी. सावंत ने कहा कि एक बार प्रवासी मजदूरों के श्रम विभाग में पंजीकृत हो जाने के बाद, सरकार के पास उनके संबंधित पते का एक डेटाबेस होगा और यदि आवश्यक हो तो पुलिस को किसी भी मामले की जांच करने या ट्रैक करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रम आयोग को श्रमिक समुदाय की बेहतरी और उत्थान के लिए कल्याणकारी कोष का उपयोग करने का निर्देश दिया है.

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