You are here
Home > Uncategorized > जातीय जनगणना कराने से मोदी सरकार क्यों पीछे हट रही ? – विभा पटेल

जातीय जनगणना कराने से मोदी सरकार क्यों पीछे हट रही ? – विभा पटेल

कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया, शिवराज सरकार ने कोर्ट में ढंग से पक्ष नहीं रखा – विभा पटेल

भोपाल – मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि जब देश में वन्य प्राणियों, पशुओं, पेड़ों आदि की गिनती हो सकती है तो मोदी सरकार जातीय जनगणना से क्यों घबरा रही है..? उसे पिछड़ों, दलित और आदिवासियों समेत छोटी उप जातियों से इतनी घृणा क्यों है कि वह जातीय जनगणना की मांग को स्वीकार ही नहीं कर रही है। श्रीमती पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग का भला नहीं करना चाहती है। इसका एजेंडा संपन्न को और अधिक संपन्न बनाने का है। यही कारण है कि उसने जातीय जनगणना कराए जाने का अब तक ऐलान नहीं किया है।
विभा पटेल ने कहा कि जातीय जनगणना नहीं होने से देश और प्रदेश में कौन सी जाति पिछड़ेपन से घिरी है, यह अज्ञात है। अब तक निजी क्षेत्र में ओबीसी, एससी-एसटी को आरक्षण देने की भी घोषणा नहीं करना डबल इंजन की सरकार कपट पूर्ण नीति को प्रदर्शित करता है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था। लेकिन उसे शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कानूनी पेचीदगियों में उलझ जाने दिया। कोर्ट में सही तरीके से सामाजिक, वैधानिक आधार पर पक्ष नहीं रखा। इससे प्रतीत होता है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार नहीं चाहती कि पिछड़े वर्ग को उसका वाजिब हक मिले।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने सिलेक्शन कमेटी और विभागीय पदोन्नति समिति में पिछड़ा वर्ग, एससी-एसटी को पृथक-पृथक प्रतिनिधित्व देने का आदेश निकाला था लेकिन उसको भी शिवराज सिंह चौहान सरकार अमल में नहीं लाई। इसका नतीजा ये हुआ कि पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग के कर्मचारियों और अफसरों को पदोन्नति नहीं हो पा रही है।
विभा पटेल ने कहा कि जातीय जनगणना होने से सभी जातियों की सही संख्या समेत सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का पता चल सकेगा। पिछड़े, दलित, आदिवासी समेत उप जातियों के लिए अलग-अलग तरह से कल्याणकारी योजनाएं बनाई जा सकेंगी। ऐसी स्थिति में वंचित वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं अमल में लाई जा सकेगी। इस मामले में भाजपा की चुप्पी आश्चर्यजनक है। इससे लगता है कि वह पिछड़े वर्ग का उपयोग सिर्फ और सिर्फ वोट के लिए करना चाहती है। इसी तरह दलित और आदिवासियों समेत उप जातियों की भी उसे कोई चिंता नहीं है।

Top