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दिग्विजय सिंह पर टिप्पणी मामला:सिंधिया और दो मंत्रियों पर परिवाद याचिका दायर

आगामी 2 जून को होने वाली सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट को चैलेंज किया जाएगा

ग्वालियर – ग्वालियर में सोमवार को कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर टिप्पणी मामले में दायर परिवाद पर सुनवाई हुई है। कोर्ट में इंदरगंज थाना प्रभारी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की, वही परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता ने स्टेटस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। ऐसे में आगामी 2 जून को होने वाली सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट को चैलेंज किया जाएगा।

इससे पहले कोर्ट ने थाना प्रभारी को रिपोर्ट के लिए अंतिम अवसर दिया था

बता दें कि केंद्रीय मंत्री जयोतिरादित्य सिंधिया और दो मंत्री तुलसी सिलावट,महेंद्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ ग्वालियर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्रिमिनल परिवाद याचिका दायर की गई थी। इस परिवाद याचिका को दायर करने वाले कांग्रेस लीगल सेल के सम्भागीय अध्यक्ष एडवोकेट नितिन शर्मा ने दायर किया था। इसी मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई। जहां थाना इंदरगंज टीआई की ओर से कोर्ट द्वारा तलब की गई स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई, रिपोर्ट में बताया गया कि न्यायालय के आदेश पर जब साइबर सेल के जरिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,मंत्री तुलसी सिलावट और मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के ट्विटर अकाउंट की जांच की गई तो उसमें पाया गया कि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर ट्वीट कर बयान दिए हैं। ऐसे में पूर्व सीएम के खिलाफ टिप्पणी किए जाने की पुष्टि हुई है लेकिन क्रिमिनल परिवाद दायर करने वाले याचिकाकर्ता का ग्राउंड सही नहीं है, वह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से सीधे ताल्लुक नहीं रखते हैं यही वजह रही कि पुलिस द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट पर परिवाद दायर करने वाले याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन शर्मा ने आपत्ति दर्ज कराई है।

कोर्ट में परिवाद याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता और अधिवक्ता नितिन शर्मा का कहना है कि वह आगामी 2 जून को होने वाली सुनवाई के दौरान इस स्टेटस रिपोर्ट को चैलेंज करेंगे क्योंकि कोर्ट के आदेश के तहत पुलिस को अपनी स्टेटस रिपोर्ट में सिर्फ इस बात की जांच करनी थी कि टि्वटर हैंडल से की गई टिप्पणियां वास्तविक रूप से की गई है या महज सिर्फ आरोप है। लेकिन पुलिस ने साइबर सेल की जांच में टिप्पणी की जाना पाया है लेकिन परिवादी के क्रिमिनल परिवाद दायर करने पर ही सवाल खड़े किए हैं जो कि पुलिस के कार्य क्षेत्र में नहीं आता है। बहराल 2 जून को न्यायालय में जब पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट को चैलेंज किया जाएगा तो देखना होगा कि न्यायालय इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।

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