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नर्सिंग के विद्यार्थियों के अवकाश निरस्त कर विद्यार्थियों को वापस बुला रहे हैं कॉलेज

नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच से नर्सिंग कॉलेज प्रबंधकों में हड़कंप का माहौल

जबलपुर – मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर बैंच के निर्देश पर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच से नर्सिंग कॉलेज प्रबंधकों में हड़कंप का माहौल हैं। कॉलेज प्रबंधक इस कदर दहशत में हैं कि मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) द्वारा नर्सिंग के विद्यार्थियों के घोषित अवकाश को अपने स्तर पर निरस्त कर विद्यार्थियों को कॉलेज वापस बुला रहे हैं। निजी कॉलेज संचालकों को विद्यार्थियों के अवकाश की ही नहीं इस बात की भी परवाह नहीं है कि वे विद्यार्थियों को वाट्स एप्प ग्रुपों में भेजे गए संदेशों में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच का ही हवाला देकर विद्यार्थियों को वापस कॉलेज बुला रहे हैं जबकि विद्यार्थियों का इस जांच से कोई सरोकार ही नहीं। सूत्रों की मानें तो तमाम मर्यादाओं को ताक पर रख कर निजी कॉलेज प्रबंधक जांच टीम के सामने केवल विद्यार्थियों की संख्या दिखाने यह पैंतरा आजमा रहे हैं।


हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर कह रहे उपस्थिति महत्वपूर्ण


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों को सूचनाएं प्रेषित करने बनाए गए ग्रुपों में संदेश भेजे जा रहे हैं। संदेश में कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार समस्त मप्र के नर्सिंग संस्थाओं में सीबीआई जांच होनी है जिसमें छात्रों की उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों से कहा जा रहा है कि सभी छात्र-छात्राओं के ग्रीष्मकालीन अवकाश आगामी आदेश तक निरस्त किए जाते हैं एवं सभी विद्यार्थियों को संस्था में सोमवार से यथावत निरंतर आना है। विद्यार्थियों को डराते हुए कहा जा रहा है कि यह आदेश पूर्णता कठोर रूप से समस्त छात्र-छात्राओं को मानना यदि वे संस्था में उपस्थित नहीं होते तो उनके बैच की पढ़ाई निरस्त की जा सकती है। संदेश मेंं कहा जा रहा है कि सूचना को गंभीरता से लेते हुए सभी छात्र-छात्राओं को यथावत रूप से कॉलेज आने के साथ ग्रीष्मकालीन अवकाश बाद में दिए जाने की बात कही जा रही है।

अधिसूचना में 1 से 14 मई तक अवकाश

विद्यार्थियों के सकल हितों को ध्यान में रखते हुए एमयू ने 29 मार्च 2023 को 1 से 14 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश एवं 23 से 29 अक्टूबर तक शीत कालीन अवकाश घोषित किए गए हैं। अधिसूचना में कॉलेज प्रबंधन से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अध्यापन के टाइम टेबिल में उक्त अवकाश का ध्यान रखें ताकि विद्यार्थियों को हानि न हो वे अग्रिम सूचना से शहर या राज्य से बाहर छात्रों को अपना टिकट आरक्षण कराने में सुविधा होगी तथा वे अपने कार्यक्रम को सुव्यवस्थित कर पाएंगे।

इस समय सर्वाधिक परेशान वे विद्यार्थी हैं जो अवकाश में शहर या फिर प्रदेश से बाहर चले गए थे। अचानक जारी आदेश पर किस तरह आनन फानन में रिजर्वेशन कराकर या अन्य साधनों से लौटें वे समझ नहीं पा रहे हैं। विद्यार्थियों की व्यथा सुनने कॉलेज प्रबंधन भी तैयार नहीं हैं।

कॉलेज प्रबंधन को कैसे पता सीबीआई का शेड्यूल

मप्र छात्रसंघ के अध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय ने आरोप लगाया है कि निजी नर्सिंग कॉलेज प्रबंधक जिस तरह विद्यार्थियों को तय निर्धारित तिथी पर विद्यार्थियों के अवकाश निरस्त कर वापस बुला रहे हैं उससे प्रतीत हो रहा है कि उन्हें सीबीआई की टीम उनके कॉलेज कब आएगी इसकी भली भांति जानकारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं जांच कर रही टीम और कॉलेज प्रबंधकों की कोई मिलीभगत तो नहीं और जांच के नाम पर कहीं महज रस्म अदायगी तो नहीं हो रही।

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