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पैरामेडिकल स्कालरशिप घोटाले में हाईकोर्ट ने 8 साल से वसूली ना होने पर नाराजगी जताई

सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की एक्शन टेकन रिपोर्ट, वसूली के लिए एक दिन की मिली मोहलत

जबलपुर – मध्यप्रदेश के बहुचर्चित पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने 8 साल से वसूली ना होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले में सोमवार को पुनः सुनवाई हुई, जिसमें कि राज्य सरकार ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की। सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि एक संस्था से 4 लाख तथा 1 अन्य से 76000 और वसूल लिए गए हैं और बचे हुए पैरामेडिकल संस्थाओं से वसूली हेतु आरआरसी तथा कुर्की वारंट भी जारी किए जा चुके हैं। राज्य सरकार की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी जताई और कहा कि कालेज़ों से वसूली में आखिरकार क्यों 8 साल से लंबित रखा गया है। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सरकार ने एक और दस्तावेज पेश किया और कोर्ट को बताया कि 2 कॉलेजों के बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं, और शेष के विरुद्ध भी त्वरित रूप से कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट ने बची हुई राशि की वसूली के लिए कल मंगलवार की मोहलत दी और केस की सुनवाई अब 26 अप्रैल को नियत की गई है।
मध्यप्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प कर ली थी। मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी वह कभी एग्जाम में बैठे ही नहीं थे, इसके अतिरिक्त एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली थी। मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी तथा पूरे प्रदेश में निजी पैरामेडिकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे, लेकिन अधिकारियों और कॉलेजों की मिलीभगत से करोड़ों रुपयों की वसूली आज तक नहीं हो सकी है।

फैक्ट फाइल

-24 करोड़ में से मात्र 4 करोड़ हुए है कॉलेजों से वसूल-5 करोड़ की राशि पर इंदौर हाईकोर्ट ने लगाया स्टे, उन केसों को भी किया गया है जबलपुर ट्रांसफर-राशि की वसूली के लिए RRC तथा कुर्की वारंट जारी किए गए है।- 2 कॉलेजों के बैंक अकाउंट भी किये गए सीज

अब तक क्या हुआ

  • पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में प्रदेश भर के कॉलेजो एवं अधिकारियों के विरुद्ध 100 से ज्यादा मुकदमे लोकायुक्त में हैं दर्ज
  • जबलपुर के 5 कॉलेजों ने सरकार के रिकवरी नोटिस को सिविल कोर्ट में चैलेंज किया था और स्टे मांगा था, कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया था और वसूली पर स्थगन देने से इंकार कर दिया था।
  • प्रदेश के कई कॉलेजो ने मामले को लंबित रखने कई बार हाईकोर्ट की भी शरण ली थी किंतु रिकवरी पर कोई खास राहत नही मिली तथा जिन कॉलेजो की रिकवरी पर इंदौर बेंच ने लगाई थी रोक, वे सभी मामले चीफ जस्टिस की कोर्ट के निर्देश पर जबलपुर ट्रांसफर
  • पैरामेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन द्वारा जनहित याचिका लगाकर उनके विरुद्ध लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई FIR को दी गयी थी चुनौती जिस पर हाईकोर्ट ने लगाया था 1 लाख का जुर्माना।
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