बिलकिस बानो प्रकरण में कोर्ट का सवाल – दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं? Nation News Politics by mpeditor - April 19, 2023April 19, 20230 अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे -सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार से पूछा है कि दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं? कोर्ट ने मंगलवार को बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने गुजरात सरकार पर अपने मामले के दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपनी याचिका में 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से दोषियों की रिहाई का कारण पूछा। कोर्ट ने कहा- आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है। कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से कहा- दोषियों को समय से पहले रिहाई देने से जुड़ी फाइलें पेश करें। अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे। कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकार से 1 मई तक फाइल पेश कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट में केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से ASG एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन लगाने पर विचार करेंगे, जिसमें रिहाई की फाइल मांगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को दोपहर 2 बजे होगी। SC ने पूछा- दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप किया गया और उसके सात रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। आप सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं? आप एक व्यक्ति की हत्या की तुलना सामूहिक हत्या से कैसे कर सकते हैं? यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। हमारा मानना है कि आप अपनी शक्ति और विवेक का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करें। दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं?SC का सवाल- बिलकिस केस के दोषियों को क्यों छोड़ा:कहा- यह रेप-सामूहिक हत्या का केस, साधारण मर्डर नहीं; सेब-संतरे की तुलना कैसेजस्टिस नागरत्ना ने कहा कि जब भी मामले की सुनवाई होती है तो एक आरोपी अदालत में आएगा। वो कार्यवाही स्थगित करने की मांग करेगा। चार हफ्ते बाद एक और आरोपी ऐसा ही करेगा। इस तरह यह दिसंबर तक चलेगा। हम इस रणनीति से भी अवगत हैं।सरकार की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने सुझाव दिया कि सुनवाई के लिए निश्चित तारीख तय की जा सकती है।कोर्ट ने कहा कि बलात्कार और सामूहिक हत्या के अपराध से जुड़े मामले की तुलना साधारण हत्या के मामले से नहीं की जा सकती। क्या आप सेब और संतरे की तुलना करेंगे?दोषियों की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि आपने कहा है कि यह एक गंभीर अपराध है और मैं इसकी सराहना करता हूं, लेकिन वो 15 साल से हिरासत में रहे हैं।बेंच ने कहा कि जब समाज को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले ऐसे जघन्य अपराधों में छूट देने पर विचार किया जाता है, तो सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए।जस्टिस जोसेफ ने राज्य सरकार से कहा कि अच्छा आचरण होने पर दोषियों को छूट देने को अलग रखना चाहिए। इसके लिए बहुत उच्च पैमाना होना चाहिए। भले ही आपके पास शक्ति हो, लेकिन उसकी वजह भी होनी चाहिए।15 अगस्त को रिहा हुए थे दोषी2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो से रेप किया गया था और उसके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। पिछले साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया।इसके बाद बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली और TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।बिलकिस ने दाखिल की थीं दो याचिकाएंबिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?