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मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्वीकार किया की महाकाल लोक की परिकल्पना कमलनाथ की थी

अमरनाथ के कार्यकाल में महाकाल लोक के टेंडर हुए

भोपाल, (ईएमएस)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में रविवार को तेज आंधी के कारण महाकाल लोक में स्थापित सप्त ऋषि की मूर्तियां खंडित हो गई थी। मामले में कांग्रेस के आक्रमक होने और निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर स्वीकार किया की महाकाल लोक की परिकल्पना कमलनाथ की थी और उन्हीं के कार्यकाल में इसके टेंडर हुए थे। गौरतलब है कि जब महाकाल लोक के लोकार्पण अवसर के पूर्व कमलनाथ न इसको अपनी सरकार की पहल बताया था, तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित पूरी भाजपा इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना बताकर खूब वाह वाही लूटी थी। लेकिन जैसे ही महाकाल लोक में कराए गए निर्माण कार्यों की पोल खुली है, भाजपा के सूर बदल गए हैं। -अपने ही बयानों में फंसे मंत्री महाकाल लोक में मूर्तियों के टूटने और अपनी और उनकी पत्नी की अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा होने के बाद मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कहीं भी कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। कांग्रेस ने आरोप लगाया, लेकिन तथ्य नहीं दिए। खुली चुनौती है अगर उनके पास कोई एक भी भ्रष्टाचार का प्रमाण है प्रस्तुत करें, नहीं तो माफी मांगे। वैसे इस काम में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो दो बार भुगतान कांग्रेस के समय हुआ है तो क्या कांग्रेस ने भ्रष्टाचार किया है? मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 2017 में सरकार ने महाकाल लोक बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। भू-अर्जन के लिए 200 करोड़ की राशि दी थी। 2018 में महाकाल लोक का टेंडर जारी हुआ। 2018 में आई कांग्रेस की सरकार में वर्क आर्डर जारी हुआ। कांग्रेस की सरकार में आर्ट वर्क पर मूर्ति रखने का निर्णय हुआ और जब पेमेंट हुआ तब भी कांग्रेस की सरकार थी। सज्जन सिंह वर्मा उस समय उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे, नगरीय प्रशासन मंत्री कांग्रेस के थे। – 10 साल में मंत्री भूपेंद्र की संपत्ति में कई गुना बढ़ी दरअसल, मंगलवार को कांग्रेस ने शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है। आरटीआई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन और जेपी धनोपिया ने कहा कि 2008 से 2018 तक भूपेंद्र सिंह की चल-अचल संपत्ति में कई गुना इजाफा हुआ है। एडीआर की रिपोर्ट और निर्वाचन आयोग में दिए शपथ पत्र का हवाला देते हुए पुनीत टंडन ने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सरोज सिंह की संपत्ति में भी कई गुना इजाफा हुआ है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 2008 में 6 लाख रुपए, 2 तोला सोना, 6 वाहनों की निर्वाचन आयोग में जानकारी दी थी। लेकिन 2018 में इनकी संपत्ति 7 करोड़ 67 लाख की बढ़ गई। इसी तरह की पत्नी सरोज सिंह की संपत्ति में भी कई गुना इजाफा हुआ है। सरोज सिंह के पास 2008 में 3 लाख 15 हजार रुपए और 2 तोला सोना था। 2018 में 33 करोड़ 70 लाख की अचल संपत्ति हुई। बेटे और पत्नी को दान में जमीन और बंगला दान मिले। इसकी जांच होनी चाहिए। -कांग्रेस के प्रोजेक्ट को बदला जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल मंदिर के पास महाकाल लोक के रूप में धार्मिक भावना के मद्देनजर प्रोजेक्ट तैयार करवाया था। लेकिन जैसे ही सरकार बदली भाजपा ने इस पर्यटन के रूप में बदल दिया। इस कारण यहां के निर्माण में गुणवता का ध्यान नहीं रखा गया। सूत्रों का कहना है की महाकाल लोक में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। -१० साल में ऐसे बढ़ी भूपेंद्र सिंह की संपत्ति चल संपत्ति: 2009- 1 लाख 28 हजार जमा, 7 वाहन, 2 तोला सोना, एक रिवाल्वर, 7 पशु2013 – चल संपत्ति का कुल मूल्य 1 करोड़ 30 लाख रुपए 2018 चल संपत्ति का कुल मूल्य 2 करोड़ 86 लाख रुपए। अचल संपत्ति: 2009 – 1 करोड़ 40 लाख की जमीन एक मकान भोपाल में निर्माणाधीन 2013- अचल 7 संपत्ति का कुल मूल्य 3 करोड़ 57 लाख रुपए 2018- अचल संपत्ति का कुल मूल्य 7 करोड़ 67 लाख रुपए। -भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह की संपत्ति चल संपत्ति: 2009-51 हजार जमा 1 वाहन, 20 तोला सोना 500 ग्राम चांदी 2013- चल संपत्ति का कुल मूल्य 1 करोड़ 1 लाख रुपए 2018- चल संपत्तियों का समग्र मूल्य 1 करोड़ 84 लाख। अचल संपत्ति: 2009- होटल दीपाली मूल्य 1 करोड़ रुपए 2013- अचल संपत्तियों का कुल मूल्य 1 लाख 6 हजार, होटल दीपाली में 50 फीसदी भागीदारी 2018 – अचल संपत्तियों का समग्र मूल्य 33 करोड़ 27 लाख रुपए। -मंत्री पुत्र को दान में मिली जमीन कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भूपेंद्र सिंह ने अपने बेटे अभिराज सिंह के नाम पर साल 2019-20 में सागर के ग्राम जिंदा के खसरा क्रमांक 136,137 और 153 बटे 6 की कई एकड़ जमीन दान में ली है। भूपेंद्र सिंह की पुत्रियों को 3, 22 और 0,22 हेक्टेजयर जमीन जिसकी कीमत 1 करोड़ 29 लाख रुपए की जमीन प्राप्त हुई जिसका भुगतान भूपेंद्र सिंह और सरोज सिंह ने किया। कांग्रेस ने कहा कि मंत्री बनने के बाद भूपेंद्र सिंह ने अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है जिसकी जांच की जाना चाहिए।

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