मध्यप्रदेश में भाजपा को लगेगा बड़ा झटका दीपक जोशी कांग्रेस का दामन थामेंगे Uncategorized by mpeditor - May 1, 2023May 1, 20230 कमलनाथ ने कहा कि ये अभी ट्रेलर है, आगे-आगे देखिए क्या होता है भोपाल – मध्यप्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे और शिवराज सरकार में मंत्री रहे दीपक जोशी जल्द ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। दीपक जोशी ने कांग्रेस ज्वाइन करने की तारीख 6 मई बताई है। पीसीसी चीफ कमलनाथ से उनकी बातचीत भी हो चुकी है। खुद भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इसकी पुष्टि की है। दीपक जोशी ने कहा कि जो मुझे सम्मान देगा, मैं उसके साथ रहूंगा। इस पर कमलनाथ ने कहा कि ये अभी ट्रेलर है, आगे-आगे देखिए क्या होता है।दीपक जोशी ने कहा कि मैं पिताजी की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाऊंगा। जनता का जो सहयोग पिताजी को मिलता रहा है। उन संबंधों को जीवित रखने के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। मैं कांग्रेस जॉइन कर रहा हूं। 5 मई को मेरी पत्नी की पहली बरसी है। सात दिन तक कार्यक्रम चलेंगे, उसके बाद कांग्रेस जॉइन करूंगा। एक समाचार पत्र ने जब उनसे सवाल किया कि क्या 5 मई की तारीख फाइनल है, तो उन्होंने कहा कि 6 मई को वे भोपाल आकर कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। तख्ता पलट के बाद से चल रहे उपेक्षित साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इस्तीफा देने वालों में हाटपिपल्या से दीपक जोशी को हराकर विधायक बने मनोज चौधरी भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में मनोज चौधरी फिर विधायक बन गए थे। चौधरी के विधायक बनने के बाद से ही दीपक जोशी उपेक्षित महसूस कर रहे थे। दो महीने पहले फेसबुक पर दर्द बयां किया था दो महीने पहले फरवरी में पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने सोशल मीडिया पर खुलेआम दर्द बयां किया था। उन्होंने लिखा था- छल कपट और पाप का फल धरती पर भुगतना पड़ता है। याद रखना समय किसी को माफ नहीं करता है। इससे पहले भी दीपक जोशी कई बार सार्वजनिक तौर पर पीड़ा जाहिर कर चुके हैं। तीन बार रह चुके बीजेपी से विधायक 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पूर्व मंत्री दीपक जोशी को हाटपिपल्या विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान विधायक मनोज चौधरी कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। दीपक जोशी 2003 में बागली सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद बागली के आरक्षित होने के चलते वे हाटपिपल्या से चुनाव लड़े और दो बार विधायक बने। 2018 में दीपक जोशी के खिलाफ किसान आंदोलन हुआ था।