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मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने सबा सुल्तान के खिलाफ 4 दिन में दूसरा नोटिस जारी किया

क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की बेटी हैं सबा

भोपाल – मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने औकाफ-ए-शाही की मुतवल्ली (प्रबंधनकर्ता) सबा सुल्तान के खिलाफ 4 दिन में दूसरा नोटिस जारी किया है। सबा बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की बड़ी बहन और एक्ट्रेस करीना कपूर की ननद हैं। क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की बेटी हैं। वक्फ बोर्ड ने उन्हें 30 सितंबर 2011 को नवाबों द्वारा वक्फ (धार्मिक काम के लिए दान) की गई प्रॉपर्टी का मुतवल्ली बनाया था।
मामला वक्फ बोर्ड के आदेशों की लगातार अवहेलना और भोपाल के हज यात्रियों को मक्का-मदीना स्थित धर्मशालाओं (रुबातों) की सुविधा देने से जुड़ा है। बोर्ड ने नोटिस में उन पर जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने और काम में रुचि नहीं लेने के आरोप लगाए हैं। उन पर ये भी आरोप है कि वे न तो वक्फ प्रॉपर्टी का निरीक्षण करती हैं और न ही इनसे होने वाली आय में कोई बढ़ोतरी की गई है। MP वक्फ बोर्ड के CEO सैयद शाकिर अली जाफरी ने नोटिस जारी किए हैं। बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल भी इस मामले में गंभीर हैं।
8 मई और फिर 12 मई को नोटिस उनके दिल्ली स्थित पते पर भेजे गए हैं। भोपाल में औकाफ-ए-शाही के मोती मस्जिद स्थित कार्यालय को भी नोटिस की कॉपी भेजी गई है। औकाफ-ए-शाही भोपाल रियासत के तत्कालीन नवाब परिवार द्व‌ारा गठित संस्था है।
8 मई को वक्फ बोर्ड ने सबा को कारण बताओ नोटिस देकर 1 हफ्ते में जवाब मांगा था। सबा ने 20 मई तक का समय चाहा था। जवाब देने के लिए वे खुद नहीं आईं। औकाफ-ए-शाही के सचिव के सिग्नेचर से जवाब दिया गया। वक्फ बोर्ड ने इसे बोर्ड के आदेशों अवहेलना माना है। नोटिस में जिम्मेदारियां वापस लेने की भी चेतावनी दी गई है। नोटिस में इन 5 बातों का जिक्र है…

वक्फ बोर्ड के आदेशों की अवहेलना।

वाकिफ की मंशा पूर्ण करने में लगातार असफल होना।
भोपाल से हज पर जाने वाले यात्रियों को रुबातें उपलब्ध नहीं कराना।

मुतवल्ली की जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाना।
शाही औकाफ की प्रॉपर्टी का मिस-मैनेजमेंट।

नोटिस में कहा है कि मुतवल्ली के तौर पर सबा न तो अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा रही हैं और न ही औकाफ-ए-शाही की वक्फ प्रॉपर्टी को संरक्षित और सुरक्षित रखने में दिलचस्पी ले रही हैं। प्रॉपर्टी को डेवलप भी नहीं किया जा रहा। इससे अतिक्रमण और कब्जे हो रहे हैं। आय भी नहीं बढ़ रही है। वे दूसरे लोगों को अपनी जिम्मेदारियां देकर काम करा रही हैं, जो गलत है।

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