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मैं घोषणा मशीन नहीं हूं मैं क्रियान्वयन में विश्वास करता हूं – कमलनाथ

ट समाज वीरों का समाज है, जागरूक समाज है – कमलनाथ

भोपाल – जाट समाज जागरूक समाज है और यह वीरों का समाज है। मैं आपके बीच आना चाहता था, इसलिए अभी मैं एक कार्यक्रम को छोड़कर आपके बीच में आया हूं। उक्त बातें आज कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने भोपाल के बीएचईएल दशहरा मैदान में आयोजित जाट महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहीं। श्री कमलनाथ ने वीर तेजाजी महाराज की जय बोलकर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज हम अपने समाज की बात तो करते हैं, पर हमें देश के बारे में भी सोचना है।

इससे पहले कमलनाथ के सामने जाट समाज ने इस महाकुंभ के संबंध में जाट समाज का मांग पत्र भी प्रस्तुत किया। जिसके जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा,’आपने अपनी मांगे रखी मैंने आपकी मांगें सुनी कमलनाथ तो घोषणा मशीन नहीं है, मैं तो घोषणा नहीं करता, मैं क्रियान्वयन में विश्वास करता हूं और अगला जब आपका सम्मेलन होगा तो मैं आपको हिसाब दूंगा। घोषणा करना तो बहुत आसान है मैंने जैसे कहा कि मैं घोषणा मशीन नहीं बनना चाहता मैं जो हूं सो हूं।

कमलनाथ ने कहा कि आज भारी संख्या में हमारे नौजवान यहां हैं, मैं नौजवानों से पूछना चाहता हूं, आज विश्व में ऐसा कोई देश है, जहां इतने धर्म हैं, जहां इतनी जातियां हैं, जहां इतनी भाषाएं है, इतने देवी देवता हैं। विश्व में कोई ऐसा देश नहीं है, जहां इतने त्यौहार हुए हैं। हम यहां से दक्षिण जाते हैं तो हमारा पजामा और धोती भी लूंगी बन जाता है। यह हमारा देश है। अपना देश एक झंडे के नीचे खड़ा है तो इसलिए खड़ा है कि हमारे देश की संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है। हम दिल जोड़ते हैं, रिश्ता जोड़ते हैं। आपके गांव में कितने धर्म के कितनी जातियों के लोग रहते हैं यही भाईचारा है और यही अपने देश की संस्कृति है।

कमलनाथ ने कहा, ‘हमारी संस्कृति पर कोई खतरा ना हो इसीलिए बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें संविधान बना कर दिया। ऐसा संविधान बाबासाहेब आंबेडकर ने बनाया, जो पूरे विश्व में मशहूर है हमें अपने संविधान के लिए इसकी रक्षा करनी है। मैं तो आपसे इतना ही कहना चाहता हूं आज का समय है कि हम अपनी संस्कृति और अपने संविधान की रक्षा करें।’

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