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राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर के अस्पताल में निधन

राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर के अस्पताल में पिछले छह महीने से इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है वो किडनी की बीमारी से पीड़ित थे।

अमर सिंह ने हिन्दी फ़िल्म हमारा दिल आपके पास है (2000) में लघु अभिनय किया। इसके अतिरिक्त शैलेन्द्र पाण्डे द्वारा निर्देशित आगामी फ़िल्म जेडी  में भी इन्होंने एक राजनीतिज्ञ का अभिनय किया है।

शनिवार एक अगस्त, 2020 को सिंगापुर में उनका निधन हो गया। वे करीब छह महीने से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। सिंगापुर में ही उनका इलाज चल रहा था। 64 वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली।

ये अपने हिन्दी ज्ञान और राजनैतिक सम्बंधों के लिए जाने जाते हैं। शनिवार, एक अगस्त, 2020 को 64 साल की उम्र में सिंगापुर में किडनी की लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। अमर सिंह अपने आप पर जनमत को ध्रुवित करने के लिए भी जाने जाते हैं। इनपर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले लम्बित हैं जो इन्हें व्यापक रूप से अलोकप्रिय भी बनाते हैं। वो समाजवादी पार्टी के महासचिव व भारतीय संसद के उपरी सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके हैं।

अमर सिंह ने 10 साल पुरानी बातें याद की थीं

अमर सिंह ने ट्वीट के अलावा फेसबुक पर वीडियो भी पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने कहा- “पिछले 10 वर्षों से मैं न सिर्फ बच्चन परिवार से दूर रहा, बल्कि यह भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। लेकिन, आज अमिताभ बच्चनजी ने फिर मेरे पिताजी का स्मरण किया तो मुझे ऐसा लगा कि इसी सिंगापुर में 10 साल पहले गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमितजी लगभग 2 महीने तक साथ रहे थे और इसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया।

10 साल बीत जाने पर भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई और वे लगातार अनेक अवसरों पर, चाहे मेरा जन्मदिन हो या पिताजी के स्वर्गवास का दिन हो.. वे हर दिन का स्मरण कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे हैं। मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। 60 से ऊपर जीवन की संध्या होती है। एक बार फिर मैं जिंदगी और मौत की चुनौती के बीच से गुजर रहा हूं। वे मुझसे उम्र में बड़े हैं इसलिए उनके प्रति मुझे नर्मी रखनी चाहिए थी और जो कटुवचन मैंने बोला है, उसके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए।

मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही, लेकिन उनके मन में न तो कटुता है और न ही निराशा। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि सबको ईश्वर उनके कर्मों के अनुसार यथोचित न्याय दे। हमें सब ईश्वर पर छोड़ना चाहिए बजाय इसके कि हम उसके काम में खुद दखल दें। अमितजी बहुत-बहुत धन्यवाद। “

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