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लाखों कर्मियों को महंगाई भत्ते का एरियर न देकर सरकार ने 46 माह में 9775 करोड़ रुपए बचाए

सरकार कर्मचारियों के साथ कुठाराघात कर रही है – तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का आरोप

भोपाल – मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बड़ी गफलत सामने आई है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि केंद्र के समान महंगाई भत्ता केंद्रीय तिथि एवं केंद्रीय दर से न देकर कर्मचारियों को खासा नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं, एरियर में तो राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए बचा लिए हैं।
संगठनों ने बताया कि केंद्रीय तिथि एवं केंद्रीय दर से डीए न देकर पिछले 46 महीने में कर्मचारियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया है। दूसरी ओर लाखों कर्मियों को महंगाई भत्ते का एरियर न देकर सरकार ने 46 माह में 9775 करोड़ रुपए बचाए हैं।
कर्मचारी संगठनों ने यह गणित बताते हुए कहा कि कर्मचारियों को जुलाई 2019 में 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था, जिसे 17 प्रतिशत की घोषणा हुई, लेकिन 5 प्रतिशत नहीं दिया गया। 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता ही सितंबर 2021 तक मिलता रहा। इसमें कुल 27 महीने तक 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं बढ़ा। केंद्र अपने कर्मियों को 17 प्रतिशत भत्ता दे रही थी। यह कोरोना से पहले का समय था।
इसी प्रकार एक अक्टूबर 2021 से महंगाई भत्ते में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई और 20 प्रतिशत भत्ता प्रदान किया गया। उसके बाद भी जब भी महंगाई भत्ता बढ़ा है, उसमें केंद्रीय दरों और तिथि का पालन नहीं होने से कर्मियों को नुकसान उठाना पड़ा।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का आरोप है कि सरकार कर्मचारियों के साथ कुठाराघात कर रही है। हम इसका विरोध करते हैं। महंगाई भत्ते का एरियर न देकर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। वर्तमान में लगातार महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई 2019 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को तो और भी ज्यादा नुकसान हुआ है।

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