You are here
Home > Sports > धोनी के नेतृत्व में आज ही के दिन 15 साल पहले टीम इंडिया ने रचा था इतिहास

धोनी के नेतृत्व में आज ही के दिन 15 साल पहले टीम इंडिया ने रचा था इतिहास

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के लिए आज का दिन काफी यादगार है। 15 साल पहले आज ही के दिन 24 सितंबर 2007 को भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय तब लिखा गया जब महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व में एक युवा और अपेक्षाकृत अनुभवहीन टीम इंडिया ने एक अरब भारतीय प्रशंसकों का दिल जीतते हुए आईसीसी पुरुष टी 20 विश्व कप के उद्घाटन संस्करण के फाइनल में पाकिस्तान को 5 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था।

2007 विश्व कप की जीत 1983 के आईसीसी पुरुष विश्व कप के बाद से भारत की पहली बड़ी सीमित ओवरों की ट्रॉफी थी। यह मैच, जो दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में खेला गया था, आईसीसी टूर्नामेंट का अब तक के सबसे बड़ा व रोमांचक मुकाबला था।

15 साल बाद, आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप की मीठी यादें न केवल प्रशंसकों बल्कि खिलाड़ियों के मन में भी ताजा हैं।

उस समय विश्व क्रिकेट की कुछ सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ कुछ कठिन जीत के साथ खिताब हासिल करना, कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी, 2007 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रॉबिन उथप्पा ने उन यादगार क्षणों को याद करते हुए कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमें टी20 वर्ल्ड कप जीते 15 साल हो गए हैं। मेरे लिए ऐसा लगता है जैसे अभी कुछ साल पहले की बात है। हमारी पहली टी20 विश्व कप जीत से जुड़ी यादें आज भी मेरे जेहन में ताजा हैं। मुझे अब भी याद है पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी जीत हासिल करने के बाद टीम का जश्न मनाना! मैं मेन इन ब्लू को शुभकामनाएं देना चाहता हूं क्योंकि वे इतिहास को दोहराने की कोशिश करते हैं और अब हमें ‘मिशन मेलबर्न’ के साथ आईसीसी पुरुष टी 20 विश्व कप वापस दिलाना चाहते हैं। विश्व कप जीतना एक विशेष अनुभव है और मैं चाहता हूं कि रोहित और लड़के 15 साल पहले हासिल की गई उपलब्धि को दोहराने के लिए अपना दिल खोलकर खेलें!”2007 की खिताबी जीत को याद करते हुए इरफान पठान ने कहा, “जब मैं फाइनल के बारे में सोचता हूं और आखिरी ओवर में हमने इसे कैसे जीता, तब मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमने उस विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अंत में ट्रॉफी के साथ पुरस्कृत होना मेरे जीवन की सबसे खास भावनाओं में से एक था। मैं अभी भी टीम और भारत के लिए जश्न मना रही भीड़ की तस्वीर देख सकता हूं क्योंकि श्रीसंत ने उस अंतिम ओवर में मिस्बाह का कैच पकड़ा था। मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम ‘मिशन मेलबर्न’ के लिए पूरी तरह से तैयार है और ट्रॉफी को एक बार फिर से भारत लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। मैं उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं!”

24 सितम्बर को जोहानसबर्ग में भारत और पाकिस्तान के बीच खिताबी मैच खेला गया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए। गौतम गंभीर ने सर्वाधिक 75 और रोहित शर्मा ने 30 रन बनाए। पाकिस्तान के लिए उमर गुल ने तीन विकेट अपने नाम किए थे। मोहम्मद आसिफ और सोहेल तनवीर ने एक-एक विकेट लिया था।

जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रनों पर सिमट गई। पाकिस्तान को अंतिम 4 गेंदों में 6 रन चाहिए थे, अंतिम ओवर जोगिन्दर शर्मा डाल रहे थे जो पहले छक्का खा चुके थे। आगे अच्छे शॉट्स खेल रहे मिस्बाह को ना जाने क्या सूझी, कि उन्होंने पीछे शॉट्स खेला। गेंद को दूरी नहीं मिली और श्रीसंत ने अच्छा कैच पकड़कर पाकिस्तान की पारी को खत्म किया।

Top