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मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी का स्तनपान संबंधी दिया गया बयान महिला विरोधी

भोपाल। राजधानी के रविंद्र भवन में शिवराज सरकार चौहान के लाडली लक्ष्मी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में महिला और बाल विकास विभाग के के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह द्वारा महिलाओं के स्तनपान पर दिए गए बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। पूर्व सीएम उमा भारती के बाद अब कांग्रेस ने बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे महिलाओं को अपमान बताया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने गुरुवार को कहा कि उक्त अधिकारी का यह बयान बेहद लज्जाजनक, अशोभनीय, दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक है। जिसमें यह कहा कि वर्ष 2005 में प्रदेश में सिर्फ 15प्रतिशत माताएं अपनी बेटियों को अपना दूध पिलाती थी और आज 42प्रतिशत माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बालिकाएं इसलिये पीछे रह जाती है, क्योंकि उनको बालकों की अपेक्षा मां का दूध कम पिलाया जाता है? उन्होंने कहा कि अधिकारी यह बताएं कि उनके विभाग में ऐसा कौन सा पैमाना है, जिसके आधार पर यह मापा जाता है कि कौन मां अपनी बेटी को स्तनपान कराती है, कौन मां बेटे को स्तनपान कराती है और किस मां ने अपनी बेटी को स्तनपान नहीं कराया है, यह आंकड़ा वह कहां से लाये?

कांग्रेस नेता ने कहा कि निश्चित तौर पर उक्त अधिकारी का यह बयान महिला, बेटी, मां विरोधी है और इससे कहीं ना कहीं प्रदेश की छवि को देशभर में शर्मसार व कलंकित किया है। सलूजा ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उक्त अधिकारी के बयान से वो सहमत हैं और अगर सहमत हैं तो उसको लेकर सरकार का रुख़ क्या है, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। यदि सरकार इस बयान से असहमत है और इसे वो महिलाओं का अपमान मानती है तो तुरंत उक्त अधिकारी पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए और खुद मुख्यमंत्री को उनके इस बयान को लेकर प्रदेश की, महिलाओं, माताओं और बेटियों से सार्वजनिक माफी मांगना चाहिए।

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