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भिंड में 2 लाख की चोरी, 98 दिन बाद FIR

CM हेल्पलाइन, एसपी से शिकायत, 20 बार थाने के चक्कर काटे; TI बदले तो केस दर्ज

भिंड – भिंड में 18 अक्टूबर 2023 का दिन… एक युवक की बाइक से 1.87 लाख की दिनदहाड़े चोरी होती है। FIR कराने दो बार CM हेल्पलाइन में शिकायत, एसपी और 20 बार थाना के चक्कर लगाए। जब थाने के TI बदले तो चोरी के 98 दिन बाद मामला दर्ज हो सका।
FIR कराने को लेकर दोनों TI और फरियादी के भी अलग-अलग तर्क हैं। पुराने टीआई का कहना है कि वह मामला दर्ज करना चाहते थे, फरियादी खुद ही नहीं चाहता था। नवागत टीआई का कहना है कि मामला पुराना है, लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी मिली उन्होंने चोरी की FIR दर्ज करवा दी। वहीं, फरियादी का आरोप है कि उसे FIR कराने के लिए 98 दिनों का संघर्ष करना पड़ा, तब जाकर मामला दर्ज हो सका।
भिंड जिले के मिहोना थाना क्षेत्र के अचलपुरा गांव में रहने वाले वीरसिंह यादव के बाइक में रखे 1.87 लाख रुपए अज्ञात चोरों ने पार कर दिए थे। उन्होंने रिपोर्ट मिहोना थाने में लिखाना भी चाही। पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट 98 दिन तक नहीं लिखी। पीड़ित ने एक बार सीएम हेल्पलाइन लगाई तो पुलिस ने दबाव बनाकर वापस करवा दी…।
फरियादी को अपनी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। जब उसकी फरियाद की सुनवाई नहीं हुई तो उसने दूसरी बार सीएम हेल्पलाइन लगाई। चोरी की रिपोर्ट के लिए पीड़ित को लंबे समय तक सरकारी सिस्टम से लड़ाई लड़नी पड़ी, तब जाकर मामला दर्ज हो सका।
फरियादी वीरसिंह यादव ने पीड़ा बताते हुए कहा कि मेरे पिता के देहांत के बाद मुझ पर कर्ज था। इसी बीच मेरे घर में शादी आ गई। मुझे पैसों की बहुत आवश्यकता थी। मेरे रिश्तेदार ने मेरी मदद की और उधारी पर पैसे दिए। रिश्तेदार द्वारा बैंक का चेक दिया गया। 1 लाख 87 हजार मैं रौन के चंबल ग्रामीण बैंक से 18 अक्टूबर की शाम करीब तीन बजे निकालकर लाया था। नकदी में पचास, दस और सौ रुपए के नोट थे। मैंने इन सभी नोटों को एक थैले में रखकर बाइक की डिग्गी में रख लिए।

दवा लेते समय रकम हुई पार

वीरसिंह का कहना है कि मैं जब रौन से मिहोना आया तो यहां मछंड तिराहे पर एक मेडिकल स्टोर पर रुका और दवा खरीदने लगा। इसी दौरान बैंक से दो युवक एक बाइक पर मेरे पीछे-पीछे आ रहे थे। वो भी वहां आकर खड़े हो गए। मेडिकल से दवा लेने के बाद वापस बाइक के पास आया तो वह दोनों युवक वहां से गायब हो गए थे और मेरी बाइक की डिग्गी खुली हुई थी। डिग्गी में नोटों से भरा बैग भी गायब था। मैं सीधे मिहोना थाने पहुंचा। यहां मैंने फरियाद पुलिस को सुनाई। पुलिस का एक जवान पड़ताल के लिए रौन कस्बे की चंबल ग्रामीण बैंक पहुंचा और सीसीटीवी फुटेज में लेन देन व संदिग्ध युवकों के फुटेज लेकर आए।

पुलिस ने कहा, चार-पांच दिन बाद होगी रिपोर्ट

वीरसिंह का कहना है कि पुलिस ने मौका-मुआयना करने के बाद मामले काे टाल दिया। इस दौरान उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि तीन-चार दिन में रिपोर्ट लिख ली जाएगी। इसके पांच दिन बाद थाने पहुंचा, फिर मुझे चार से पांच दिन का आश्वासन दे दिया। इसके बाद मैं थाने जाता तो टीआई मेरी बात सुनते और किसी भी जवान को बोलते कि इनकी बात सुन लो। इसके बाद थाने का एक जवान बात सुनता और कह देता अभी आप जाइए मैं पड़ताल करवाता हूं। इस तरह तीन से चार बार चला। ऐसा कई बार चला, पुलिस वालों को फरियाद सुनाते और अनसुना कर वापस भेज देते।
मैं समझ गया कि पुलिस मेरी रिपोर्ट लिखने वाली नहीं है। इसके बाद मैंने सीएम हेल्पलाइन लगा दी। करीब डेढ़ महीने बाद पुलिस ने जबरन सीएम हेल्पलाइन वापस करवा दी और कहा कि तुम्हारी रिपोर्ट लिख ली जाएगी। इस पर मुझे विश्वास हो गया कि अब मेरी फरियाद सुनी जाएगी। इसके बाद फिर मैं थाने पहुंचा तो कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं।
फरियादी वीरसिंह का कहना है कि मैंने करीब दो महीने बाद फिर से सीएम हेल्पलाइन लगा दी। इसके बाद फिर पुलिस ने दबाव बनाया। अब की बार मैं अड़ गया। मैंने सीएम हेल्पलाइन नहीं काटी। कई बार पु़लिस जवान मेरे पास आए और सीएम हेल्पलाइन बंद करवाने की धौंस घपट देते रहे। परंतु मैं अड़ गया। जब मामला एसपी साहब के संज्ञान में आया तो उन्होंने एसडीओपी से पीड़ा सुनने के लिए कहा। हालांकि दो से तीन बार मैं पहले भी एसडीओपी ऑफिस में पहुंचकर रिपोर्ट लिखवाने का निवेदन कर चुका था। परंतु मेरी सुनवाई नहीं हुई थी।

आखिर 25 जनवरी को लिखी गई रिपोर्ट

फरियादी वीरसिंह का कहना है कि 25 जनवरी 2024 को एसडीओपी ने बुलाया और रिपोर्ट लिखने की बात कही। इसके बाद मेरी रिपोर्ट लिखी गई। फरियादी यादव का कहना है कि मुझे इस दौरान मानसिक तनाव झेलना पड़ा। मुझ पर दोहरी उधारी हो गई। पुलिस की लेटलतीफी की वजह से अज्ञात चोर भी पकड़े नहीं जा सके। रिपोर्ट तो पुलिस ने लिख ली, परंतु चोर नहीं पकड़े गए। मुझे न्याय आज भी नहीं मिला।

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