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भोपाल की 200 कॉलोनियां पानी में डूबी, नगर निगम ने नहीं करवाई नालों की सफाई

भोपाल-राजधानी में 2 दिन के अंदर ऐसी बारिश हुई कि बाढ़ जैसे हालात बन गए। 200 से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हो गईं, तो कई निचले इलाकों में 2-3 फीट तक पानी भर गया। कोलार से लेकर होशंगाबाद रोड, अशोका गार्डन, सेमरा, छोला के निचले पानी में डूब गए। लोग घरों में कैद होकर रह गए। आधे शहर से ज्यादा की सड़कें पानी में डूब गईं। आखिर ऐसे हालात क्यों बने?

ये दो बड़ी वजह, जिससे शहर डूबा
वजह -1 : 5 साल में 500 करोड़ खर्च, फिर भी ऐसे हालात बने
शहर में पिछले 5 साल के भीतर 500 करोड़ रुपए ड्रेनेज और सीवेज सिस्टम पर खर्च हो चुके हैं। अकेले कोलार में ही 150 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए। पिछले दो साल में सीवेज सिस्टम बिछाने के नाम पर सड़कें खोद दी गईं, लेकिन उतना फायदा नहीं मिला, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। दो दिन की तेज बारिश में ही सीवेज सिस्टम फेल हो गया। सड़कें तालाब बन गईं।

वजह – 2 : चुनाव के चक्कर में नहीं दिया ध्यान
शहर में 600 से ज्यादा नाले हैं। हर साल बारिश से पहले नगर निगम इनकी सफाई करवाता है, ताकि गंदगी से जाम नाले परेशानी न बने। इस बार नगर निगम के चुनाव में अमला बिजी रहा। इस कारण नालों की बड़े स्तर पर सफाई नहीं हो पाई। यही कारण रहा कि नाले तेज बारिश सहन नहीं कर सके। शहर के जो भी इलाके जलमग्न हो गए, वहां नाले चौक हो गए।

हमीदिया रोड पर भोपाल टॉकीज से लेकर रेलवे स्टेशन तिराहे के बीच सड़क पानी में डूब गई। यहां तक कि पेट्रोल पंप भी जलमग्न हो गया। इससे उसे बंद करना पड़ा।
अशोका गार्डन, न्यू राजीव नगर, कैलाश नगर में नाले उफान पर आ गए। इससे घरों के आसपास 3 से 5 फीट तक पानी भर गया।
होशंगाबाद रोड स्थित आशिमा मॉल के पास बनी बस्ती के घरों में घुटनों तक पानी भर गया। राशन, बिस्तर से लेकर बच्चों की किताबें भी खराब हो गईं।
वार्ड-78 के न्यू जेल रोड स्थित मोतीलाल नगर पुलिया ओवरफ्लो हो गई। गंदा पानी लोगों के घरों में भर गया। इससे खाने-पीने के सामान से लेकर बिस्तर तक खराब हो गया। यही हाल मोतीलाल नगर में रहे।
भानपुर खंती के सामने गिरनार वैली के पास से गुजरा नाला ओवरफ्लो होने से पानी कैम्पस में आ गया। इससे जुड़े कई इलाके भी जलमग्न हो गए।
कोलार पर पिछले दो साल में 162 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन बारिश ने सीवेज सिस्टम की पोल खोल दी। ललिता नगर, मंदाकिनी, कान्हाकुंज, सर्व-धर्म, नयापुरा, गेहूंखेड़ा समेत कई इलाकों की सड़कें तालाब बन गईं।
सुभाषनगर, घोड़ा नक्कास, ज्योति टॉकीज चौराहा, अयोध्या बायपास, सैफिया कॉलेज रोड, बाग सेवनिया, बाग मुगालिया, करोंद, शिवनगर, भरतनगर, बावड़ियाकलां में भी जलभराव की स्थिति बनी।
बैरागढ़ के सैनिक कॉलोनी, संत कुटिया समेत कई इलाकों में जलभराव के हालात बने।
बाणगंगा नाला, डिपो चौराहा, मोतिया तालाब, मुंशी हुसैन खां तालाब, सिद्दीक हसन तालाब, पंचशील नगर के नाले भी ओवरफ्लो हो गए।

मंत्री सारंग बोले- नाले-नालियों की दिन में 3 बार सफाई के निर्देश
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कैपेसिटी से ज्यादा बारिश के कारण सीवेज सिस्टम एग्जॉस्ट हो गया। निगम ने अलग से कंट्रोल रूम बनाया है। निगम अमले को 24 घंटे अलर्ट पर रहने को कहा है। अधिकारियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने बताया कि लगातार बारिश होने से जलभराव हुआ है। शिकायत मिलते ही टीम मौके पर पहुंच रही है।

निगम कमिश्नर ने नोटिस दिए
निगम कमिश्नर कोलसानी ने पानी की निकासी के सही इंतजाम नहीं करने पर 7 कॉलोनाइजरों को नोटिस दिए हैं। निरीक्षण के दौरान कटारा हिल्स क्षेत्र में स्वर्ण कुंज, नंद विहार, सिल्वर वर्टिका, स्प्रिंग वैली, प्राईड सिटी, पाइनवुड और अमलतास कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम फैल नजर आया था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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