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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी सहित 200 कांग्रेसियों पर केस दर्ज

कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाने के खिलाफ पुलिस कंट्रोल रूम पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया था, पुलिस ने कोविड नियमों के उल्लंघन का केस दर्ज किया

इंदौर। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाने के खिलाफ पुलिस कंट्रोल रूम पर बुधवार को धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी के मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत तीन विधायकों, कुछ पार्षदों समेत 200 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन सभी लोगों के खिलाफ कोविड-19 से जुड़े नियमों के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है।

कांग्रेस ने यह प्रदर्शन अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा जानबूझकर झूठे मामले दर्ज किए जाने के विरोध में किया था। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल न होने पर झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है। दरअसल, एक कांग्रेसी कार्यकर्ता बबलू यादव के खिलाफ साधारण धक्का-मुक्की का केस दर्ज करने के बाद धारा 307 लगा दी गई थी। इसके अलावा भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस प्रताड़ना के कुछ मामले सामने आए थे। इसी के खिलाफ कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया था।

जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी, विशाल पटेल, संजय शुक्ला, कांग्रेस नेता विनय बाकलीवाल, प्रेमचंद गुड्डू, सदाशिव यादव, सत्यनारायण पटेल, दीपू यादव, अनवर कादरी, रफीक खान, सर्वेश तिवारी, चिंटू चौकसे, अनवर दस्तक,पंकज संघवी समेत 200 से ज्यादा लोगों के नाम शामिल हैं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान सही ढंग से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया और मास्क भी नहीं लगाए, जिससे सामूहिक रूप से कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका हो गई थी।

कांग्रेस के पुलिस पर आरोप

प्रदर्शन के दौरान विधायक जीतू पटवारी ने एक फोटो दिखाते हुए कहा था कि एक गाड़ी वाले ने दूसरी गाड़ी वाले को शराब पीकर टक्कर मार दी। जो लोग चौराहे पर खड़े थे, उन्होंने बाइक सवार से कहा कि तू शराब के नशे में है, गाड़ी एक तरफ कर ले, ट्रैफिक जाम हो रहा है। इस पर वह लोगों को गाली देने लगा। इसी दौरान सादे कपड़ों में एक और दूसरा वर्दी में पुलिसकर्मी आया और उसने खुद को लसुडिय़ा का TI बताया।

लोग TI को जानते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि यह TI नहीं है। भीड़ ने उसे धक्का देते हुए उसे वहां से जाने को कहा। इस पर पुलिस ने मामले में धक्का-मुक्की की तीन धाराओं में केस दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में जमानत भी दे दी। दो दिन बाद उन्हीं पर 307 की धारा लगा दी। इसके बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया।

पटवारी ने कहा- इस मामले पर हमने जांच के लिए आवेदन दिया। मामले को जांच में लिया और सभी को सुबह फिर से गिरफ्तार कर लिया। सुबह फोन आया कि बीजेपी में शामिल हो जाओ या फिर जेल जाना होगा। कुछ देर बाद 100 पुलिसकर्मी आए और उन्हें उठाकर ले गए।

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