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चीन के आलोचक ट्रंप का खुद ही है एक चीनी बैंक में खाता, देते हैं करोड़ों का टैक्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर विवादों में घिरते नज़र आ रहे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि ट्रंप ने टैक्स डिक्लियरेशन में स्वीकार किया है कि उनका एक चीनी बैंक में खाता है और वे वहां इसके लिए टैक्स भी चुकाते रहे हैं. ट्रंप बीते कई महीनों से चीन से व्यापारिक रिश्ते ख़त्म करने और उन्हें कोरोना महामारी फैलाने के लिए सजा देने जैसे दावे करते रहे हैं, ऐसे में ये खुलासा उनके लिए चुनावों से ठीक पहले भारी पड़ सकता है.

इस बैंक खाते को ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट नियंत्रित करता है और वर्ष 2013 से 2015 के बीच इस बैंक खाते से चीनी सरकार को टैक्स भी दिया गया है. उधर डोनाल्ड ट्रंप के प्रवक्ता के सफाई देते हुए कहा है कि वे एक बिजनेसमैन भी हैं और एशिया में होटल इंडस्ट्री से जुड़े सौदों की संभावनाएं तलाशने के लिए यह बैंक खाता खोला गया था. ट्रंप के चीनी बैंक खाते से स्थानीय करों में 1,88,561 अमरीकी डॉलर (1.38 करोड़ रुपए) का भुगतान किया गया.

बता दें कि ट्रंप लगातार उन अमेरिकी कंपनियों की आलोचना करते रहे हैं जो कि चीन के साथ व्यापस कर रही हैं. कोरोना महामारी के बाद तो उन्होंने चीन के खिलाफ व्यापारिक युद्ध ही छेड़ा हुआ है. लेकिन अब ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड से उनके इस बैंक खाते के बारे में पता लगा है. जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत और कंपनी, दोनों के वित्तीय विवरण शामिल थे.

टैक्स रिकॉर्ड बताते हैं कि ट्रंप ने बीते कुछ वर्षों में, विशेष रूप से चीन में अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई पांच छोटी कंपनियों में कम से कम 1,92,000 अमरीकी डॉलर का निवेश किया. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन में ट्रंप की योजनाओं को मोटे तौर पर ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट संचालित करता है. 

ट्रंप की कंपनी के वकील एलन गार्टन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि ट्रंप इंटरनेशनल होटल्स मैनेजमेंट ने अमरीका में स्थित एक चीनी बैंक में अपना खाता इसलिए खोला था ताकि स्थानीय करों का भुगतान करना आसान हो जाए. गार्टन ने दलील दी कि 2015 के बाद से इस चीनी बैंक खाते से ट्रंप की टीम की ओर से कोई सौदा, लेन-देन या अन्य व्यावसायिक गतिविधियाँ नहीं की गईं. हालांकि, यह बैंक खाता खुला रहा, पर इसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए कभी नहीं किया गया.

अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है और इसके लिए प्रचार करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन और चीन को लेकर उनकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं. ट्रंप लगातार बाइडेन और चीन के बेच संबंध स्थापित करने की कोशिश करते रहे हैं लेकिन इस खुलासे के बाद उनकी खुद की मुश्किलें बढ़तीं नज़र आ रहीं हैं. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बनने से पहले एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारी रहे हैं जिनके रियल-एस्टेट के अलावा कई काम-धंधे हैं. 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप के चीन के अलावा, ब्रिटेन और आयरलैंड के बैंकों में भी खाते हैं. अगस्त में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वे उन अमेरिकी कंपनियों को टैक्स क्रेडिट देना चाहेंगे जो अपने कारखानों को चीन से बाहर स्थानांतरित करने को तैयार हैं. उन्होंने उन अमेरिकी कंपनियों से सरकारी अनुबंध छीनने की धमकी भी दी थी जो चीन के लिए काम करना जारी रखेंगी. ट्रंप ने यह भी कहा था कि हम 10 महीने में (10 मिलियन) एक करोड़ नौकरियाँ पैदा करेंगे. इसके साथ उन्होंने कहा कि हम चीन पर अपनी निर्भरता को समाप्त करेंगे. 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी पिछली रिपोर्ट में दावा किया था कि साल 2016-2017 में जब ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति बने थे, तब अमरीकी फ़ेडरल टैक्स के तौर पर उन्होंने सिर्फ़ 750 अमरीकी डॉलर का भुगतान किया था. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप उस रिपोर्ट पर यह सफ़ाई दे चुके हैं कि उन्होंने टैक्स बचाने के तमाम नियमों का फ़ायदा उठाया, इस वजह से उन्हें इतना कम टैक्स देना पड़ा. बुधवार को पहली बार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के लिए प्रचार में उतरने वाले हैं. 

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