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हिमाचल में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस में घमासान

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए घमासान मच गया है। प्रदेश कांग्रेस के आला नेता मुख्यमंत्री बनने के लिए लॉबिंग करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 82 वर्षीय धनीराम शांडिल, कांगड़ा से ओबीसी चेहरा चन्द्र कुमार (78) और सिरमौर से छठी बार विधायक बने हर्षवर्धन चौहान भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में हैं।

कांग्रेस आलाकमान द्वारा नियुक्त किये गए पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज शिमला स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करने वाले हैं। बैठक अपराह्न 03 बजे होनी थी, लेकिन अधिकांश विधायकों के नहीं पहुंचने के कारण यह बैठक शाम 4.45 बजे तक शुरू नहीं हो पायी है।बैठक में पर्यवेक्षक देखेंगे कि किस नेता के साथ कितने विधायक हैं। विधायकों की रायशुमारी के बाद दोनों पर्यवेक्षक हाईकमान को रिपोर्ट देंगे। इसके आधार पर हाईकमान मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान करेगा। माना जा रहा है कि पर्यवेक्षक यह चाहते हैं कि सिर्फ एक लाइन में सभी विधायक लिखें कि आलाकमान का जो फैसला होगा वह सभी को मंजूर होगा। पार्टी के पर्यवेक्षक शिमला के ओबेरॉय सेसिल होटल में ठहरे हुए हैं। उनके साथ प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी हैं।

प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री की रेस में फ्रंट रनर माना जा रहा है, क्योंकि वह प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी हैं। उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। इस चुनाव में प्रतिभा सिंह का निजी आवास होलिलोज सियासी चर्चा में रहा। चुनाव में होलिलोज की धमक देखी गई। होलिलोज अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहा। यह अलग बात है कि सीएम की रेस में शामिल होलोलोज समर्थक कौल सिंह और रामलाल ठाकुर चुनाव ही हार गए।बहरहाल कांग्रेस विधायकों की आज शिमला में पर्यवेक्षकों के साथ होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिक गई हैं। इस बात की भी संभावना है कि विधायकों की बैठक में इनमें सहमति न बनी तो आलाकमान अपने स्तर पर चौंकाने वाला फैसला ले सकता है।

प्रतिभा सिंह की राह आसान नहीं

प्रतिभा सिंह के लिए सीएम की कुर्सी की राह आसान इसलिए नहीं है क्योंकि प्रतिभा सिंह वर्तमान में प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद हैं। ऐसे में पार्टी यदि उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है तो कांग्रेस मंडी में उप चुनाव का रिस्क नहीं लेना चाहेगी, क्योंकि इस ससंदीय क्षेत्र में भाजपा ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। इस लोकसभा क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों में से 12 सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है। अकेले मंडी जिले की 10 में से 9 सीटें भाजपा ने जीती हैं। निवर्तमान सीएम जयराम ठाकुर ने यहां 37 हजार से ज्यादा के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। प्रतिभा सिंह के सीएम बनने में सबसे बड़ा पेंच कांग्रेस के उन विधायकों की टीम है, जिनकी होलोलोज से तकरार रही है। इन विधायकों को सुखविंदर सिंह सुक्खू लीड कर रहे हैं। सुक्खू ने हाईकमान में खासी पैठ बना रखी है। चुनाव से पहले आलाकमान ने उन्हें न केवल प्रदेश कांग्रेस प्रचार विभाग का मुखिया बनाया था, बल्कि उन्हें टिकट वितरण कमेटी में भी जगह दी थी।

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