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कांग्रेस ने पूछा सवाल, पातालपानी बैठक से कई वरिष्ठ मंत्रियों को क्यों रखा गया दूर

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आज जारी अपने बयान में कल मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के रातापानी में मिशन-2023 की रणनीति को लेकर संपन्न भाजपा संगठन की महत्वपूर्ण बैठक से कई वरिष्ठ मंत्रियों को दूर रखने पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या भाजपा के आंतरिक सर्वे में इन मंत्रियों की वास्तविक स्थिति भाजपा संगठन को पता चल चुकी है , क्या इसीलिए इनको इस बैठक से दूर रखा गया ? क्या आगामी विधानसभा चुनाव में इनका पत्ता कटना तय है?


सलूजा ने कहा कि वैसे तो यह बैठक भाजपा का आंतरिक मामला है ,इसमें किसी को भी कुछ कहने का कोई हक नहीं है लेकिन जिस तरह से इस बैठक में भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए , 5 केंद्रीय मंत्री शामिल हुए और उसमें प्रदेश मंत्रिमंडल के सिर्फ आठ मंत्रियों को शामिल करना ,कई सवाल खड़े कर रहा है ,यह चर्चा का बिंदु बना हुआ है।


इस बैठक के बारे में यह प्रचारित किया गया कि इस बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग ,पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए रणनीति बनाई गई और यह बैठक बड़ी महत्वपूर्ण थी , भोपाल से दूर एकांत में आयोजित की गई ,5 किलोमीटर दूर से ही लोगों को रोक दिया गया था।इस बैठक के कारण मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री स्वच्छता को लेकर राष्ट्रपति जी से प्रदेश को मिले अवार्ड तक ,बैठक छोडक़र लेने जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाये।


इस बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग , पिछड़ा वर्ग को साधने की रणनीति पर चर्चा हुई लेकिन उसके बावजूद इन वर्गों से आने वाले वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ,विजय शाह ,कमल पटेल ,तुलसी सिलावट ,ओमप्रकाश सकलेचा ,प्रदुमन तोमर ,प्रभु राम चौधरी ,बिसाहूलाल सिंह ,गोविंद राजपूत ,महेंद्र सिसोदिया ,प्रेम पटेल ,बृजेंद्र प्रताप सिंह ,हरदीप ढंग ,भारत कुशवाह ,रामखेलावन पटेल ,रामकिशोर कावरे ,बृजेंद्र यादव ,सुरेश धाकड़ व ओपीएस भदौरिया जैसे मंत्रियों को इस बैठक से दूर रखा गया ? आश्चर्य की बात है कि प्रदेश मंत्रिमंडल की 3 महिला सदस्य यशोधरा राजे सिंधिया ,उषा ठाकुर और मीना सिंह को भी इस बैठक से दूर रखा गया ?


सलूजा ने कहा कि लगता है कि इन मंत्रियों का भविष्य में मंत्रिमंडल से पत्ता कटना तय है या इनकी जनता में वास्तविक पकड़ की जानकारी भाजपा संगठन को लग चुकी है ,शायद इसीलिए आगामी चुनाव की बैठक की महत्वपूर्ण रणनीति से इन्हें दूर रखा गया है। जिन वर्गों से यह मंत्री आते हैं ,उन वर्गों को साधने के लिए इस बैठक में चिंतन किया गया लेकिन उन वर्गों के प्रतिनिधि इन मंत्रियों को इस बैठक से दूर रखना कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है ?


सलूजा ने कहा कि भाजपा को इसका कारण स्पष्ट करना चाहिए और इन मंत्रियों को भी नेतृत्व से इसको लेकर सवाल पूछना चाहिए कि क्या कारण है कि उनको इस महत्वपूर्ण बैठक से दूर रखा गया ? क्या पार्टी उन्हें मिशन-2023 की रणनीति बनाने लायक नहीं समझती है ? क्या पार्टी में उनका कोई महत्व नहीं बचा है ? क्या आगामी समय में पार्टी इन से किनारा करने वाली है ?

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