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कांग्रेस की मांग, स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का काम अध्यापकों से ना कराया जाए

भोपाल। मप्र कांग्रेस ने महिला बाल विकास विभाग से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने की मांग की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि महिला बाल विकास से ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से खत्म किया जाए। ग्रामीण इलाकों में महिला बाल विकास द्वारा 7 महीने से खाद्यान्न एवं राशि प्राप्त नहीं हो रही है। समूह और रसोइयों का भुगतान प्रतिमाह होना चाहिए, लेकिन पिछले 9 माह से रसोइयों का भुगतान नहीं हुआ है।

केके मिश्रा ने कहा कि वहीं महिला बाल विकास विभाग, भिंड के 5 साल के बैंक स्टेटमेंट की जांच कराई जाए। उन्होंने बताया स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इस अव्यवस्था के कारण परेशान हैं। हाल ही में प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मध्यप्रदेश और एमडीएम साझा चूल्हा स्व सहायता समूह संगठन के सदस्यों ने जिला अध्यक्ष सपना सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

उन्होंने कहा कि भिंड में तो वर्ष 2006-07 से मध्यान्ह भोजन का कार्य स्व सहायता समूह को सौंपा गया है, लेकिन शहर में मध्यान्ह भोजन का कार्य स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह की अव्यवस्था दूसरे शहरों में भी सामने आई हैं। इन सारे मामलों की तत्काल जांच करके व्यवस्था में सुधार लाया जाए।

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