कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर ज़बरदस्त हमला बोला, कहा- यह सरकार लोकतंत्र और देश विरोधी है Nation by mpeditor - October 19, 2020October 19, 20200 कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर ज़बरदस्त हमला किया है। उन्होंने इस सरकार पर न सिर्फ़ पीड़ितों की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया, बल्कि यह भी कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र और देश विरोधी है। सोनिया गांधी ने कहा कि देश का लोकतंत्र आज अपने सबसे कठिन दौर से गुज़र रहा है। उन्होंने कांग्रेस से जुड़े सभी लोगों से कहा कि हम सबको मिलकर मोदी सरकार के लोकतंत्र और देश विरोधी मंसूबों को नाकाम करना होगा। उन्होंने कांग्रेस संगठन से जुड़े तमाम लोगों से जनता के हक के लिए आगे बढ़कर संघर्ष करने की अपील भी की। सोनिया गांधी ने ये तमाम बातें रविवार को कांग्रेस पार्टी के सभी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहीं। कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान का एक हिस्सा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया है। सोनिया गांधी ने देश में दलितों का दमन किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की बेटियों को सुरक्षा देने के बजाय बीजेपी की सरकारें अपराधियों का साथ दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़ित परिवारों की आवाजों को दबाया जा रहा है. यह कौन सा राजधर्म है?” उन्होंने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘देश पर आई इन चुनौतियों का सामना करने का नाम ही कांग्रेस संगठन है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब अनुभवी लोग इस कठिन समय में देश पर आए इस संकट का मुकाबला करेंगे और मोदी सरकार के इन लोकतंत्र और देश विरोधी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।’ सोनिया गांधी ने कहा कि इस समय देश एक ऐसी सरकार के हाथों में है जो आम नागरिकों के अधिकार अपने कुछ करीबी पूँजीपतियों को ‘संस्थागत तरीके’ से सौंप रही है। उन्होंने नए कृषि क़ानूनों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि हरित क्रांति के फ़ायदों को ख़त्म करने के लिए एक ‘षड्यंत्र’ रचा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूरे देश में अचानक लॉकडाउन के एलान के बाद उत्पन्न हालात का ज़िक्र करते हुए कहा, “हमने देखा कि कैसे करोड़ों प्रवासी मज़दूर पलायन करने पर मजबूर हुए और सरकार चुपचाप देखती रही। लेकिन सच्चाई तो ये है कि जिस प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के भीतर कोरोना को हराने की बात कही थी, अब उन्होंने जनता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों का त्याग कर दिया है।” सोनिया गाँधी ने कहा कि सरकार के पास महामारी से लड़ने की न कोई योजना है और न कोई समाधान। देश की आर्थिक हालत का ज़िक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के नागरिकों की मेहनत और कांग्रेस सरकारों की दूरदृष्टि से बनाई गयी मजबूत अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। ‘‘जिस प्रकार से अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है। करीब 14 करोड़ रोजगार खत्म हो गए. छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की रोजी-रोटी खत्म हो रही है। लेकिन मौजूदा सरकार को कोई परवाह नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तो भारत सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से भी पीछे हट गयी है। जीएसटी में प्रांतों का हिस्सा तक नहीं दिया जा रहा। प्रांतीय सरकारें इस संकट की घड़ी में अपने लोगों की मदद कैसे करेंगी? देश में सरकार द्वारा फैलाई जा रही अफरा-तफरी और संविधान की अवहेलना का यह नया उदाहरण है।’’ बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हरित क्रांति से मिले फायदों को समाप्त करने की साजिश रची गयी है। करोड़ों खेतिहर मजदूरों, बंटाईदारों, पट्टेदारों, छोटे और सीमांत किसानों, छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर हमला हुआ है। इस षड्यंत्र को मिलकर विफल करना हमारा कर्तव्य है।’’