उपचुनाव में कांग्रेस का वचन पत्र : चम्बल के बीहड़ एवं अन्य बंजर भूमियों को खेती योग्य बनाकर भूमिहीन एवं खेतिहर मजदूरों के हित में बनाएंगे नीति News Politics by mpeditor - October 21, 2020October 21, 20200 मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी के करीब बसे नायकपुरा गांव के रामप्रकाश कंसाना सरकार के उस नवीनतम कदम के बारे में आशंकित है, जिसके तहत चंबल के बीहड़ों को समतल कर उन्हें खेती योग्य बनाने की योजना है। बीहड़ों में गहरे खड्डों जिन्हें स्थानीय स्तर पर भरका कहा जाता है बड़े खतरनाक हैं, वे लंबे समय से चंबल के बीहड़ों में पाए जाने वाले कई खूंखार डकैतों के घर थे। सरकार ने बीते 100 साल में चंबल के बीहड़ों में विकास और इन्हें खेती के मुफीद बनाने की कई योजनाएं बनाई हैं। स्थानीय रूप से बीहड़ के नाम से प्रचलित चम्बल घाटी भारत का सबसे निम्नीकृत भूखण्ड है। चम्बल के बीहड़ में बड़े नाले और अत्यधिक विच्छेदित घाटी शामिल है। यह क्षेत्र अपने कमतर विकास और उच्च अपराध दर के लिये जाना जाता है। चम्बल नदी घाटी का लगभग 4,800 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इस बीहड़ के अन्तर्गत आता है जिसका विकास मुख्य रूप से चम्बल नदी के दोनों किनारों पर हुआ है, जो इस इलाके की जीवनरेखा है। चम्बल के किनारे पर घाटी का गठन काफी सघन है जिसका 5 से 6 किमी का क्षेत्र गहरे नालों के जाल से बँटा हुआ है। कई छोटे और बड़े नाले अन्ततः नदी में मिलकर नदी प्रणाली में गाद को काफी बढ़ा देते हैं। पानी के प्रवाह के कारण उत्पन्न गाद को इस घाटी प्रभावित क्षेत्र की एक प्रमुख संचालक शक्ति माना जाता है। इसके लिए कमलनाथ चम्बल के बीहड़ एवं अन्य बंजर भूमियों को खेती योग्य बनाकर भूमिहीन एवं खेतिहर मजदूरों के हित में नीतियां बनाएंगे जिससे किसानों को हो रही परेशानियों का निदान आसानी से हो सके और खाली पड़ी जमीन में फसल का उपजाऊपन बेहतर हो सके।