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मप्र की बीजेपी सरकार में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा – सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े

प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने शिक्षा के संबंध में पूछे गए सवाल पर विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा- सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े और जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बना डाला।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा- सभी बच्चों को समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता फैला रही है। नफरत फैला रही है। ऐसे मदरसे जो हमें राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते, हमें उन्हें ही सही शिक्षा से जोड़ना चाहिए और समाज को सबकी प्रगति के लिए आगे लेकर जाना चाहिए।

मदरसों को मिलने वाली सरकारी मदद बंद होनी चाहिए- ठाकुर

उषा ठाकुर ने कहा- असम ने मदरसे बंद करके दिखा दिया है कि राष्ट्रवाद में बाधा डालने वाली चीजें राष्ट्रहित में बंद होनी चाहिए। मदरसों को मिलने वाली सरकारी मदद बंद होनी चाहिए। अगर कोई निजी तौर पर अपने धार्मिक संस्कार किसी को देना चाहता है तो संविधान उसे इसकी इजाजत देता है।

पहले भी विवादित बयान दे चुकी हैं उषा ठाकुर

गरबे में मुस्लिमों की एंट्री पर: उषा ठाकुर ने कहा था- अल्पसंख्यकों को वंदे मातरम् गाने में आपत्ति है तो साक्षात मां दुर्गा की प्रतिमा के आसपास गरबा कैसे कर सकते हैं? यदि अल्पसंख्यक गरबे में आना चाहें तो परिवार से मां, बहन या पत्नी को साथ लेकर आएं। आयोजकों से कहा था कि गरबा पंडालों से मुस्लिम लड़कों को दूर रखा जाए। लड़कियों से भी कहा था कि वे बैकलेस और लो वेस्ट ड्रेस न पहनें।

जेएनयू और कन्हैया पर: ठाकुर ने कहा था, “जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने वाले कन्हैया जैसे लोगों के लिए उनकी मां भी जिम्मेदार हैं। कन्हैया की मां ने उसे लोरी में देशभक्ति नहीं सिखाई…। देशद्रोही बनने के पीछे परवरिश की कमी होती है। संस्कारों की कमी से भी लोग देशद्रोही बन जाते हैं।

महिलाओं की तरक्की पर: उन्होंने कहा था- महिलाएं तरक्की के लिए शॉर्टकट अपनाती हैं। अपने निजी स्वार्थ के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता कर लेती हैं, इसलिए वो परेशानी में पड़ जाती हैं। मूल्यों से समझौता करने के बाद मिली सफलता का कोई मतलब नहीं है।

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