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नहीं मिली नौकरी, सीएम को पत्र लिखकर युवक झूला फांसी पर

इंदौर- ‘गुडबाय दोस्तो, मुख्यमंत्री जी! मेरा आपसे निवेदन है कि स्टूडेंट्स को रोजगार दें। बेरोजगारी की वजह से मैं आज फांसी लगा रहा हूं। सुशांत सिंह राजपूत के जैसे …’ ये शब्द खुदकुशी करने से पहले एक बेरोजगार युवक ने कहे हैं।

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के शेहदखेड़ी निवासी कुंदन राजपूत (23 साल) ने 10 जुलाई को इंदौर के पीथमपुर में आत्महत्या की थी। कुंदन के वीडियो और सुसाइड नोट सामने आए हैं। इससे पता चला है कि वह दो साल से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। कुंदन ने दो साल उज्जैन में रहकर कोचिंग जॉइन कर तैयारी की, लेकिन कोरोना काल में दो साल से सेना में भर्ती नहीं निकली। इससे वह तनाव में था।

5 जुलाई को ही वह इंदौर के पीथमपुर में एक फैक्ट्री में नौकरी के लिए गया था। वहां 5 दिन काम करने के बाद 10 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में लिखा – मेरे जैसे और स्टूडेंट फांसी लगाएंगे

श्रीमान मुख्यमंत्री जी, आपसे विनम्र निवेदन है कि आप जल्द ही विद्यार्थी के स्कूल खोलें। आपसे निवेदन है कि हम नवयुवकों को रोजगार दें। आज में फांसी लगा रहा हूं। दो साल से आर्मी की भर्ती भी नहीं खुली है और मेरी उम्र भी निकल गई है। मैं तीन साल से उज्जैन में गणराज डिप्रेन्स में तैयारी कर रहा था आर्मी की। मेरी उम्र हो जाने के कारण अब मैं भर्ती नहीं दे सकता हूं। मेरे जैसे बहुत विद्यार्थी हैं, जो फांसी लगाएंगे। अतः आर्मी चीफ को भी बोल रहा हूं कि जल्दी भर्ती निकालें। मैं आज विद्यार्थियों के लिए फांसी लगा रहा हूं। अतः मेरा आपसे निवेदन है कि मेरे मरने के बाद मेरा पोस्टमॉर्टम न करें। मेरे घरवालों को और मुख्यमंत्री जी को मेरे खत दें। मैं पुलिस से भी निवेदन करता हूं कि आप मुझे मेरे घर तक पहुंचा दें।

आपका आज्ञाकारी विद्यार्थी

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