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राम मंदिर मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा आमने- सामने

मंदिर का शिलान्यास दो दिन पहले हो गया, लेकिन मध्य प्रदेश में पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी अब भी जारी है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा- क्या राम मंदिर शिलान्यास के बाद हम राम राज्य की उम्मीद करें? भगवान राम ने अपने पिता के द्वारा दिए गए वचन निभाने के लिए 14 साल वनवास काटा, क्या हमारे राजनेता भी वचन निभाएंगे?

इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तंज करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का बयान अपरोक्ष रूप से कमलनाथ पर कटाक्ष है। कमलनाथ ने 15 महीने की सरकार में अपना कोई वचन नहीं निभाया, केंद्र सरकार ने सभी वचन निभाए हैं। राज्य सरकार ने भी अपने सभी वादों को निभाया है। चाहे वह धारा 370 हटाना हो, राममंदिर बनाना या फिर तीन तलाक़। केंद्र सरकार ने सभी वचनों को निभाया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस राममंदिर के मुद्दे को लेकर दो गुटों में बंटी नजर आई। जहां एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राममंदिर निर्माण का स्वागत किया और सुंदरकांड का पाठ कराया, वहीं दिग्विजय सिंह ने राममंदिर निर्माण के मुहूर्त को ही अशुभ बता दिया था। हालांकि बाद में दिग्विजय सिंह ने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया था। बता दें कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास भव्य तरीके से किया था।

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