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फसल बीमा की राशि नहीं आने से परेशान किसान ने आत्महत्या की, कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिले हरदा की घटना

  • किसान पर था 4 से 5 लाख का कर्ज, दो साल से बिगड़ी थी फसल, फसल बीमा की राशि नहीं आने से परेशान था किसान।

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिले हरदा में एक किसान ने शुक्रवार रात सुसाइड कर लिया। किसान पर 4 से 5 लाख का कर्ज था। परिजनों के अनुसार फसल बीमा की राशि भी नहीं आने से परेशान होकर किसान ने ज़हरीला पदार्थ खा लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरदा जिले के गांव अतरसमा के किसान लक्ष्मीनारायण के पास 5 एकड़ जमीन है। लगातार दो वर्ष से फसल खराब हो रही है, लेकिन किसान का नाम फसल बीमा सूची में भी शामिल नहीं हुआ था।

परिजनों का कहना है कि किसान पर 4 से 5 लाख का कर्ज था और फसल बीमा राशि भी नहीं आई थी जिसके चलते परेशान होकर लक्ष्मीनारायण ने जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि उनका नाम फसल बीमा सूची में भी शामिल नहीं हुआ था और कर्ज चुकाने का कोई रास्ता उसे नजर नही आ रहा था जिसके चलते उसने जान दे दी।

हरदा मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का क्षेत्र है और उनके तमाम दावों के बाद भी किसानों को फसल बिगड़ने के बाद न बीमा राशि मिल रही न सरकार से हाई कोई सहायता मिल रही है। पहले बारिश की खेंच और फिर अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में सोयाबीन सहित अन्य फसलें ख़राब हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुआवज़ा देने की बात कही है। मगर न तो सर्वे हो रहा है और न मुआवज़ा मिला है। 

फसल ख़राब होने से व मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की आत्महत्या का दौर निरंतर जारी है। बीते 15 दिनों में सीहोर, निवाड़ी, विदिशा, छिन्दवाड़ा, देवास व सिवनी ज़िले में भी किसान आत्महत्या कर चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी 3 किसानों ने फसल खराब होने की वजह से आत्महत्या की है।

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