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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र की मंडियों में पिछले 16 महीने से वेतन का इंतेज़ार कर रहे कर्मचारी

भारत सरकार में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र की मंडियों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ रहे हैं। 7 मंडियों में से 6 मंडियां ऐसी हैं जिनमें एक करोड़ से ज़्यादा की राशि के वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। कृषि मंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक मंडी तो ऐसी है जहां के कर्मचारी पिछले 16 महीने से वेतन मिलने की बाट देख रहे हैं।  

दरअसल मुरैना की कुल 6 मंडियों में काम करने वाले कर्मचारियों को कुल 1 करोड़ 4 लाख 57 हज़ार रुपए की राशि वेतन के तौर पर दी जानी है। मुरैना की पोरसा मंडी,मुरैना मंडी, साबलगढ मंडी, अम्बाह मंडी, जोरा मंडी, बानमौरकलां मंडी में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। मुरैना मंडी में पिछले दो महीने, पोरसा और जोरा में तीन महीने, साबलगढ़ में एक महीना और बानमौरकलां मंडी के कर्मचारियों को पिछले 16 महीने से वेतन नहीं मिला है। मुरैना की इन मंडियों में लंबित वेतन का कुल योग निकाला जाए तो यह 1 करोड़, 4 लाख 57 हज़ार रुपए बैठता है।  

मुरैना मंडी में 30 लाख रुपए की राशि का वेतन लंबित है। जबकि पोरसा मंडी में 20 लाख, साबलगढ़ मंडी में 6 लाख 40 हज़ार, अम्बाह मंडी में 4 लाख 50 हज़ार, जोरा मंडी में 5 लाख 50 हज़ार और जबकि बानमौरकलां में 38 लाख से ज़्यादा की राशि का वेतन लंबित है। 

यह हाल ग्वालियर संभाग की मंडियों का है। ग्वालियर संभाग की कुल 16 मंडियां ऐसी हैं जहां के कर्मचारी वेतन की आस लगाए बैठे हैं। पूरे ग्वालियर संभाग की मंडियों में लंबित वेतन राशि की बात करें तो यह 4 करोड़ 64 लाख 92 हज़ार 542 रुपए है। 16 मंडियों में से एक मंडी (लश्कर) ग्वालियर की है। गुना की दो (कुंभराज और राघोगढ़), शिवपुरी ( शिवपुरी और करेरा) की दो, भिंड की पांच (भिंड,लहार,आलमपुर,मोँ, और मेहगांव)  और मुरैना की 6 मंडियां हैं।

इन 16 मंडियों में वेतन के लिए सबसे लंबा इंतज़ार बानमौरकलां, मेहगांव और मौं मंडी के कर्मचारियों को करना पड़ा है। बानमौरकलां के कर्मचारियों का वेतन 16 महीने से और मेहगांव मंडी के कर्मचारियों का वेतन 13 महीने से नहीं मिला है। मौं मंडी के कमर्चारी पिछले 10 महीने से बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं। 

ग्वालियर संभाग में मंडी कर्मचारियों का वेतन लंबे समय से लंबित है, लिहाज़ा ग्वालियर कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त संचालक ने राज्य मंडी बोर्ड, भोपाल को इस बारे में पत्र भेजा है। पत्र में राज्य मंडी बोर्ड से कहा गया है कि वो पहले से आर्थिक बदहाली झेल रही मंडियों में लंबित वेतन का भुगतान करने हेतु ज़रूरी कदम उठाएं।  

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