‘पठान’ से पहले भी दीपिका पादुकोण की कई फिल्मों को करना पड़ा है विवाद का सामना Entertainment by mpeditor - December 15, 2022December 15, 20220 दीपिका पादुकोण अभिनीत अपकमिंग फिल्म ‘पठान’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। दरअसल हाल ही में फिल्म का गाना बेशरम रंग रिलीज हुआ है, जिसमें दीपिका के भगवा बिकनी पहनने पर विवाद छिड़ गया है। दीपिका ट्रोलर्स के निशाने पर हैं और फिल्म के बॉयकॉट की मांग भी सोशल मीडिया पर छिड़ गई है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब दीपिका की किसी फिल्म को लेकर विवाद छिड़ा है। इससे पहले भी वह अपनी कई फिल्मों को लेकर यूजर्स का नाराजगी का शिकार हो चुकी हैं। दम मारो दम साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म ‘दम मारो दम’ में दीपिका पादुकोण के आइटम सांग को लेकर काफी विवाद हुआ था । लिरिक्स की वजह से गाने की काफी आलोचना की थी। दरअसल इसका ट्रैक देव आनंद और जीनत अमान की फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा के दम मारो दम से लिया गया था। गोलियों की रासलीला रामलीला साल 2013 में रिलीज हुई दीपिका पादुकोण की फिल्म गोलियों की रासलीला रामलीला को लेकर भी काफी कंट्रोवर्सी हुई थी। इस फिल्म का नाम पहले रामलीला रखा गया था,लेकिन फिल्म की रिलीज से पहले ही इसका बहिष्कार किया जाने लगा और इसपर हिन्दू भावनाओं को आहत करने के आरोप भी लगने लगे। कहा जाने लगा कि फिल्म में सेक्स, हिंसा और अश्लीलता दिखा कर हिंदू भावनाओं को आहत किया गया । तमाम जगह से विरोध होने के बाद फिल्म का नाम ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’ कर दिया गया। हालांकि विवादों में घिरने के बाद भी यह फिल्म हिट हुई। बाजीराव मस्तानी साल 2015 में रिलीज हुई दीपिका पादुकोण की फिल्म बाजीराव मस्तानी को भी कुछ सामाजिक संगठनों का विरोध झेलना पड़ा था। इस फिल्म पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। पद्मावत साल 2018 में रिलीज हुई पद्मावत को लेकर भी कुछ इसी तरह के आरोप लगे थे। करणी सेना ने आरोप लगाया था कि कुछ ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर उसे फिल्म में गलत तरीके से दिखाया गया है। छपाक साल 2020 में रिलीज हुई एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक को भी रिलीज से पहले विरोध का सामना करना पड़ा था। दरअसल इस फिल्म की रिलीज से ठीक कुछ दिन पहले दीपिका जेएनयू में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में पहुंच गईं थी जिसके बाद दीपिका की इस फिल्म को बॉयकॉट की मांग उठी थी।