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किसान फसल जलाने पर मजबूर, अधिकारियों ने नहीं ली मुआवजे की सुध

  • सीहोर में लगभग 3 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है और किसानों को ना तो मुआवज़ा मिला है, ना ही कोई सुध लेने पहुँचा है।

मध्यप्रदेश के सीहोर ज़िले के किसान अपनी फसल जलाने पर मजबूर हैं। प्रदेश में इस बार सोयाबीन की पूरी फसल बरबाद हो गई है। कुछ जगहों पर खराब बीज, कहीं वायरस यानी इल्ली तो कहीं बाढ़ ने पूरी फसल को तबाह कर दिया है। सोयाबीन की फसल बर्बाद से निराश किसान अब अपनी खड़ी फसल को काटकर जलाने पर मजबूर हो गए हैं। 

सीहोर के किसान जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। किसानों को उनके फसल की बीमा राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि सर्वे दल के अधिकारियों तक ने उनके खेत और फसलों की सुध तक नहीं ली है। 

एक अनुमान के मुताबिक जिले में लगभग तीन लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। फसल बर्बाद होने के बाद किसान ज़िला प्रशासन से सर्वे कर मुआवजा और बीमा राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन है कि उनकी सुध लेने को तैयार ही नहीं दिख रहा। लिहाज़ा हताश और परेशान किसानों ने अब अपनी फसलों को आग लगाना शुरू कर दिया है। किसान अब रबी सीजन की तैयारी कर रहे हैं। 

रबी फसल के लिए मुफ्त बीज दे सरकार : दिग्विजय सिंह 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों के हालात पर चिंता जताई है। दिग्विजय सिंह की मांग है कि किसानों को रबी फसल के लिए मुफ्त बीज की व्यस्था की जानी चाहिए। किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल जलाए जाने को लेकर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ‘शिवराज जी के चुनाव क्षेत्र के किसान सोयाबीन की खड़ी फसल जला रहे हैं। शासन की ओर से पटवारी गिरधावर तहसीलदार कोई नहीं पहुँच रहा है। सीहोर कलेक्टर साहब को तो शिवराज की सेवा करने से कहॉं फु्र्सत है। किसान का ख़रीफ़ फसल का क़र्ज़ा माफ़ करो और रबी फसल के लिए मुफ़्त खाद बीज की व्यवस्था करो।’

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