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जहर खाने वाले किसान ने बताई पूरी बात, कहा- मैं रोकता रहा, वो फसल बर्बाद करते रहे

मध्यप्रदेश के गुना में जमीन अतिक्रमण को लेकर जहर खाने वाले परिवार के एक सदस्य राजकुमार अहिरवार ने बताया कि जब अधिकारी वहां पहुंचे तो मैंने उन्हें अपनी फसल बर्बाद करने से मना किया, लेकिन वे रुके नहीं। इस कारण मेरे पास जहर खाने के अलावा कोई चारा नहीं था। इतना कहते ही राजकुमार फफकते हुए रोने लगे। 

अहिरवार ने बताया कि उन्होंने (अधिकारियों) पिछले साल भी ऐसा ही किया था और इस कारण मेरा कर्जा बढ़ गया। एक बार फिर ऐसा किए जाने की वजह से, मैं जानता था कि अब मेरे पास अपने छह बच्चों को खिलाने के लिए कुछ नहीं होगा। फिलहाल उनका गुना जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। दरअसल, 14 जुलाई को पुलिस की अतिक्रमण हटाने वाले टीम और राजस्व अधिकारियों ने राजकुमार (38) की सोयाबीन की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया, जिसके विरोध में राजकुमार और उनकी पत्नी ने कीटनाशक पी लिया। 

Guna Dalit couple beating case: Collector, SP removed
किसान दंपती की पिटाई करते पुलिसकर्मी

इसके बाद आनन-फानन में पति-पत्नी को उठाया गया और पुलिस वैन में बैठाकर अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान राजकुमार के भाई शिशुपाल ने विरोध जताते हुए पुलिस का रास्ता रोक दिया, जिस पर पुलिस ने शिशुपाल पर लाठियां बरसाईं। 

क्या है पूरा मामला

गुना में मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिए शासकीय कॉलेज प्रबंधन को जगनपुर चक क्षेत्र में 20 बीघा जमीन आवंटित की गई थी। जमीन पर काफी लंबे समय से गब्बू पारदी नाम के व्यक्ति का कब्जा था। कुछ समय पहले राजस्व और पुलिस की टीम ने मिलकर अतिक्रमण हटवा दिया था।

हालांकि विभाग की लापरवाही के चलते जमीन पर निर्माण नहीं हो सका। इसकी वजह से अतिक्रमणकारियों ने दोबारा जमीन को घेरना शुरू दिया था। वहीं, जब दलित दंपति को यहां से हटाया गया तो उन्होंने इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया। कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है। 

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