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हाईकोर्ट ने दिया कमलनाथ और नरेन्द्र तोमर पर एफआरआई दर्ज करने का आदेश

कोविड के नियम पालन ना करने पर हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने दिए आदेश.. चुनावी सभाओं पर रोक लगाने के लिए 9 ज़िलों के कलेक्टरों को आदेश, बिना चुनाव आयोग के आदेश के नेताओं की फिजिकल जन सभाओं पर रोक.

ग्वालियर/भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने चुनावी सभाओं में लगातार कोरोना के नियमों के हो रहे उल्लंघन पर कड़े आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कमल नाथ और नरेंद्र सिंह तोमर पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने फिजिकल चुनावी सभाओं पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 9 ज़िलों के कलेक्टरों को आदेश भी जारी कर दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि अब विशेष परिस्थितयों में ही फिजिकल जनसभाओं का आयोजन किया जा सकेगा। मामले की अगली सुनवाई अब 23 अक्टूबर को होगी।  

कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई में ग्वालियर और दतिया के कलेक्टरों को तोमर और कमल नाथ के खिलाफ अपनी सभाओं में कोरोना के गाइडलाइन को पालन न करने के लिए एफआईर करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों ही ज़िले के कलेक्टरों को 23 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई में एफआईर की रिपोर्ट को पेश करने के लिए कहा है।     

कलेक्टर जनसभाओं की अनुमति सीधे तौर पर नहीं दे पाएंगे 
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अब फिजिकल जनसभाओं के लिए कलेक्टर सीधे तौर पर अनुमति नहीं दे पाएंगे। जनसभा के लिए आदेश जारी करने से पहले कलेक्टरों को चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी प्रत्याशी को वर्चुअल मीटिंग की जगह फिजिकल रैली करनी है तो इसके लिए उसे कलेक्टर को वाज़िब कारण बताना होगा। अगर कलेक्टर उम्मीदवार के तर्कों से संतुष्ट होते हैं तो प्रत्याशियों को रैली करने की इजाज़त देने के लिए पहले कलेक्टरों को आदेश जारी करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। 

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