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जीतू पटवारी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने लिखा प्रदेश में अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण अभी नहीं

  • शिवराज का अतिथि विद्वानों को झटका, नियमितीकरण होगा या नहीं, यह क्लियर नहीं।

देश में एक ओर जहां उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में सरगर्मी चरम पर है तो वहीं दूसरी ओर अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा भी गरमाने लगा है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विधानसभा सत्र में जीतू पटवारी के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिया है कि मध्य प्रदेश में अतिथि विद्वानों को अभी नियमितीकरण नहीं किया जाएगा और न ही अभी तक इस संबंध में राज्य सरकार ने कोई योजना बनाई है। आगे कहा है कि कांग्रेस सरकार अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण करने जा रही थी।

विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर पूछे गए सवाल पर लिखित जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने नियमितीकरण किए जाने से इनकार किया है। आगे कहा है कि कांग्रेस सरकार अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण करने जा रही थी. इसके लिए तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने राज्य सरकार को 15 मार्च 2020 को पत्र लिखा था. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के लिए तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने नोटशीट लिखी थी. जिसमें कहा गया था कि प्रदेशभर के कॉलेजों में 4 हजार से ज्यादा अतिथि विद्वान पढ़ा रहे हैं. जो नियमितीकरण की मांग लंबे अर्से से कर रहे हैं.

आपको बता दें कि राज्य प्रदेशभर के अतिथि विद्वान नियमितीकरण की मांग को लेकर कमलनाथ सरकार में आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान कमलनाथ सरकार पर नियमितीकरण नहीं करने के आरोप लगे थे. वहीं, विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने अतिथि विद्वानों सरकार आने पर नियमित किए जाने की बात कही थी. हालांकि, प्रदेश में सत्ता में बीजेपी की सरकार आए हुए 6 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है. लेकिन अभी तक उनकी नियुक्तियां नहीं की गई है. ऐसे में विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री के दिए गए जवाब से सवाल खड़े होने लगे हैं.

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