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मध्यप्रदेश में एक बार फिर से होम आइसोलेशन शुरू

  • दिन में दो बार डॉक्टर वीडियो कॉल कर मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। मरीज का टेंपरेचर, पल्स रेट की जानकारी ली जा रही है।

कोरोना तेज़ी से फैलने के कारण मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों के लिए होम आइसोलेशन फिर शुरू कर दिया गया है। इसमें कुछ नये बदलाव किए गए हैं। ऐसे मरीज़ों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं या जिनका पूरा परिवार पीड़ित है। इन कोविड मरीज़ों की कोविड सेंटर से निगरानी की जा रही है। 2 से 3 दिन में प्रदेश में 20 हज़ार टेस्ट कराने की क्षमता विकसित होगी।

होम आइसोलेशन में उन्हीं लोगों को रखा जा रहा है जिनके परिवार के कई सदस्य पॉजिटिव हैं। दूसरी कंडीशन ये है कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं उन्हें भी घर में ही रहने की छूट दे दी गयी है। भोपाल में फिलहाल 85 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।

मरीजों की मॉनिटरिंग

होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों की कोविड कंट्रोल रूम से डॉक्टर हर रोज निगरानी कर रहे हैं। दिन में दो बार डॉक्टर वीडियो कॉल कर मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। मरीज का टेंपरेचर, पल्स रेट की जानकारी ली जा रही है। मरीज दवाइयां खा रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी भी डॉक्टर ले रहे हैं। पहले दिन के बाद चौथे और नौंवे दिन डॉक्टर पॉजिटिव मरीज के घर जाकर स्वास्थ्य की रिपोर्ट लेंगे। 10 दिन तक सभी पैरामीटर सामान्य होने पर मरीज को निगेटिव घोषित किया जा रहा है।

जुलाई में शुरू हुआ था होम आइसोलेशन

जुलाई में कोरोना बहुत तेज़ी से फैला। मरीज़ एक साथ बढ़ने के कारण अस्पतालों में इतनी जगह और व्यवस्था संभव नहीं थी इसलिए कम गंभीर मरीज़ों के घर में ही रहने की छूट दी गयी थी। दो हफ्ते तक करीब 700 से ज्यादा मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया था। लेकिन 20 जुलाई के आसपास मरीजों की संख्या को सीमित कर दिया गया था। 2 अगस्त तक होम क्वॉरेंटीन में केवल 44 मरीज़ ही बचे थे। लेकिन जब फिर से मरीज़ बढ़े तो एक बार फिर से होम आइसोलेशन में रखना शुरू किया गया है।

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