सिंधिया फैक्टर को टक्कर देने की तैयारी में कमलनाथ, ग्वालियर-चंबल पर कर रहे फोकस News Politics by mpeditor - February 22, 2022February 22, 20220 कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं और लगातार दौरे कर संगठन की बैठकें ले रहे हैं. हाल ही में वह विंध्य के दौरे पर थे और वहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के नेताओं के साथ मीटिंग कर चुनावी तैयारियों को धार देने की कोशिश की. वहीं अब कमलनाथ ग्वालियर चंबल अंचल के दौरे पर जाने वाले हैं. कांग्रेस की नजर ग्वालियर चंबल अंचल में 2018 की सफलता दोहराने पर है. भिंड का करेंगे दौराकमलनाथ 23 फरवरी को भिंड दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह भिंड में एक आमसभा को संबोधित करेंगे. कमलनाथ भिंड और इसके आसपास के जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं संग बैठक भी करेंगे. साथ ही मंडल, सेक्टर के पदाधिकारियों से भी चर्चा करेंगे. कांग्रेस महामंत्री राजीव सिंह ने बताया कि कमलनाथ आने वाले चुनाव तक लगातार इसी तरह दौरा करते रहेंगे. सिंह ने बताया कि कमलनाथ जहां भी जा रहे हैं, उन्हें भारी जनसमर्थन मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं. जनता कमलनाथ का विजन सुनने उनकी सभाओं में पहुंच रही है. क्यों अहम है ग्वालियर चंबल अंचलबता दें कि मध्य प्रदेश की राजनीति में ग्वालियर चंबल अंचल की बेहद अहमियत है. इस अंचल में ग्वालियर और चंबल संभाग में कुल 8 जिले हैं, जिनमें विधानसभा की 34 सीटें आती हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा ने 20 सीटें जीती थीं. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा और कांग्रेस ने यहां 26 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं भाजपा को 2013 के मुकाबले 13 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था और वह 2018 में 7 सीटों पर सिमट गई थी. सिंधिया फैक्टर अहमग्वालियर चंबल अंचल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबदबे वाला इलाका माना जाता है. साल 2020 में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की ही थीं. ऐसे में उपचुनाव में सिंधिया की साख भी दांव पर थी. उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल कर एक बार फिर से ग्वालियर चंबल में कांग्रेस को पटखनी दी थी और सिंधिया ने अपनी ताकत दिखाई थी. यही वजह है कि 2023 के चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल के नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी होंगी. विंध्य का दौरा कर लौटे हैं कमलनाथकमलनाथ बीती 19 फरवरी को ही विंध्य क्षेत्र का दौरा करके लौटे हैं. माना जा रहा है कि कमलनाथ विंध्य में भी पार्टी को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं. विंध्य की बात की जाए तो यहां विधानसभा की 30 सीटें हैं. यह क्षेत्र भाजपा के दबदबे वाला रहा है और पिछले चुनाव में भी भाजाप ने यहां 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस की कोशिश है कि 2023 में भाजपा के इस दबदबे को तोड़ा जाए.