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वचन पत्र में कहा- हमारी सरकार आते ही मजदूरों का संरक्षण करेंगे सुनुश्चित

कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में मजदूरों को लेकर बात रखी है। इसमें कहा गया कि जिस तरीके से सरकार ने मजदूरों को लेकर दबंगदारी दिखाई है वह गलत है। हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं। हमारी सरकार के आते ही इन कानूनों की पुनः समीक्षा की जाएगी एवं श्रमिकों के हितों में फैसले लिए जायेंगे।

जानिये क्या है श्रम कानून का संसोधन

इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल- 2020 पारित हो चुका है। अब जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 300 से कम है, वे सरकार से मंजूरी लिए बिना ही कर्मचारियों की छंटनी कर सकेंगी। अब तक ये प्रावधान सिर्फ उन्हीं कंपनियों के लिए था, जिसमें 100 से कम कर्मचारी हों। छंटनी या शटडाउन की मंजूरी उन्हीं संस्थानों को दी जाएगी, जिनके कर्मचारियों की संख्या पिछले 12 महीने में हर रोज औसतन 300 से कम ही रही हो। सरकार अधिसूचना जारी कर इस न्यूनतम संख्या को बढ़ा भी सकती है।वहीं बिल के मुताबिक किसी भी संगठन में काम करने वाला कोई भी कामगार बिना 60 दिन पहले नोटिस दिए हड़ताल पर नहीं जा सकता। फिलहाल ये अवधि छह हफ्ते की है.

सरकार ने मानसून सत्र के आखिरी दिन संसद ने श्रम सुधार से जुड़े तीन बिल को मंजूरी दे दी थी. इसके तहत कंपनियों को बंद करने के नियम में ढील दी गई. विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को बिना सरकार की इजाजत के लोगों को नौकरी से हटाने के अधिकार दिए गए थे.

राज्यसभा ने Code on Occupational Safety, Health and Working Conditions और Industrial Relations Code and Social Security Code को  ध्वनिमत से पारित कर दिया था. लोकसभा पहले ही 22 सितंबर मंगलवार को इसे पारित कर चुका था जिसके बाद ये बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया.

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