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भाजपा सरकार में आज वंचित वर्ग के साथ हो रहा अन्याय और कुठाराघात: कमलनाथ

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज सोमवार को मप्र कांग्रेस सफाई मजदूर कामगार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सफाई कामगार हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण और सम्मानित अंग हैं। लेकिन भाजपा सरकार में आज इस वंचित वर्ग के साथ अन्याय और कुठाराघात किया जा रहा है।


कमल नाथ ने कहा कि आज हमारी संस्कृति और संविधान दोनों पर आक्रमण हो रहा है। वंचित वर्ग के हितों की रक्षा करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान बनाया और आज उस संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। हम सबके सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि हम अपने सामाजिक मूल्यों को कैसे जीवित कैसे रखे, हमारे देश की संस्कृति जोडऩे की संस्कृति है और वहीं संस्कृति कांग्रेस की है।


पूर्व सीएम ने कहा कि आज के समय में बहुत परिवर्तन हुआ है, आधुनिकता का समय है, सफाई कामगारों को अच्छी शिक्षा ग्रहण कर नया करने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार सफाईकामगारों का शोषण कर रही है। इस वर्ग को जाति के नाम पर भाषा के नाम पर बांटने का काम किया जा रहा है। आज हमारा संविधान यदि गलत हाथों में चला जायेगा तो हमारी आने वाली पीढिय़ों का भविष्य क्या होगा। इस वर्ग की शिक्षा का स्तर कैसे सुधरे हमें समझने की जरूरत है। हमारा देश सामाजिक मूल्यों पर टिका हुआ है और हमें इनकी रक्षा करना है, तभी हम अपना भविष्य बना पायेंगे। भाजपा राज में सच्चाई को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आपको संविधान का रक्षक बन सच्चाई का साथ देना है, यदि सच्चाई का साथ देंगे तो आपका भविष्य भी अच्छा होगा।

अभा कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोटिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने आज इस वर्ग को मानसिक रूप से विकलांग और गुलाम बना दिया है। भाजपा इस वर्ग को आगे नहीं बढऩे देना चाहती है। आज नारे लगाने की नहीं, जमीन पर जाकर भाजपा की गलत नीतियों और कमलनाथ जी के विजन पर चर्चा करने की जरूरत है।


प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट जयराज सिंह चौहान ने कहा कि सफाई कामगारों के साथ भाजपा अन्याय और शोषण कर रही है। सफाई कामगार समाज को स्वच्छ वातावरण देने के लिए तन-मन से काम करते हैं, लेकिन उनको उनका मेहनताना और वाजिब हक भाजपा सरकार में उन्हें नहीं मिल रहा है। ठेकेदारी प्रथा लागू कर उनका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। यह वर्ग गरीबी के बोझ तले दबा रहकर परिवार का सही ढंग से भरण पोषण नहीं कर पाते और न ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाते हैं।

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