लोकायुक्त और ईओडब्ल्यु में दर्ज प्रकरणों की जांच कराने के बजाय छोटे कर्मचारियों को संस्पेंड कर नौटंकी करने में लगेे हैं शिवराज सिंह: जीतू पटवारी Politics by mpeditor - December 11, 2022December 11, 20220 भोपाल। जो काम सरकारी विभागांे के प्रमुखों को करना चाहिए अपनी झूठी छवि चमकाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान छोटे कर्मचारी, सीईओ, पटवारी को सस्पेंड कर नायक बनने की झूठी नौटंकी कर जनता को गुहराह करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगार युवा पदयात्रा निकाल रहा है लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। विकलांगों ने रोजगार के लिए मशक्कत की उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा, वह लाइनों में लगे परेशान हो रहा, उनकी कोई सुनने वाला नहीं, फसलों का उचित दाम किसानों को नहीं मिल रहा और वह अपनी फसल सड़कों पर फेंकने के लिए विवश हैं। आदिवासियों पर अत्याचार, एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर पूरे देश में मप्र की छवि खराब है, इंदौर भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद भी अपराध कम नहीं, शराब माफिया की मनमानी, प्रदेश के बड़े शहरों में तेजी से बढ़ता ड्रग्स और नसे का कारोबार लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को गुस्सा नहीं आता। शिवराजसिंह चौहान की सोच बूढ़ी हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त करते हुए आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान ये बातें कहीं। श्री पटवारी ने कहा कि लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 300 से ज्यादा भ्रष्टाचार के लंबित प्रकरणों के दोषी मुख्यमंत्री से जब प्रकरणों 2015 से 2021 तक लोकायुक्त और ईओडब्ल्यु द्वारा भ्रष्टाचार के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? वर्षवार जानकारी दे, प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की वृद्धि व कमी हुई, दोनों विभागें के कुल कितने प्रकरण न्यायालय में शासन की अनुमति हेतु लंबित है, दोनों विभागों द्वारा भ्रष्टाचार के इतने प्रकरण दर्ज क्यों किये जा रहे हैं? सभी विभागों में आर्थिक अनियमितता को लेकर विभागीय जांच के कितने प्रकरण बनाये गये, उनमें से कितने प्रकरण में आरोपी को दोषमुक्त किया गया, कितने जांच में लंबित हैं पर कार्यवाही के लिए विधानसभा में जबाव चाहा गया तो मुख्यमंत्री ने अपने जबाव में जानकारी एकत्रित करने का हवाल देकर इतिश्री कर दिया। श्री पटवारी ने कहा कि 2019 में हुई पीएससी परीक्षा प्री व मेन्स हो गयी, केवल साक्षात्कार होना शेष था तब कोटे ने परीक्षा रद्द कर दी, क्योंकि कई मामले इस परीक्षा से जुड़ हुये कोर्ट में लंबित थे, ऐसा ही इस परीक्षा में न हो इसलिए पहले कोर्ट से मामलों का निराकरण किया जाये। वहीं उन्होंने कहा कि पीएससी ने स्त्री रोग विशेषज्ञ के 95 पद निकाले थे, जिसका परिणाम आया, उसमें नंबर देने में अजा और अजजा वर्ग के प्रति भारी भेदभाव किया गया, इस वर्ग के प्रतियोगियों को जो 100 मंे से नबंबर दिये गये उसमें जनरल को 75 से 89, ओबीसी को 38 से 55, अजा को 34 से 49 और अजजा को 32 से 45 नंबर दिये गये जो भाजपा सरकार की भेदभावपूर्ण नीति का उजागर करता है। वहीं सरकार की गलत नीतियों के चलते 2018 के बाद से पीएससी के माध्यम से राज्य प्रशासनिक सेवा की एक भी नियुक्ति नहीं हुई और शिक्षित युवा ओवरएज हो गये, उनके भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया गया। श्री पटवारी ने कहा कि प्रदेश की स्कूलों में शिक्षक नहीं, दफ्तर में क्लर्क नहीं, बल्ब है लाईट नहीं, नल है पर नल में पानी नहीं, ऐसी है हमारे प्रदेश की 18 साल की भाजपा सरकार की स्थिति। प्राप्त आंकड़ांे के अनुसार 18 साल की भाजपा सरकार में मनमाफिक भ्रष्टाचार हुआ और इसको लेकर एक सर्वें हुआ, जिसमें 90 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां भ्रष्टाचार हो रहा है। पिछले एक साल में भ्रष्टाार में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। आंकड़ांे के मुताबिक सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार स्थानीय निकायों में है। आंकड़ों के अनुसार जहां 37 प्रतिशत जमीन से जुड़े मामलों, 25 प्रतिशत परिवहन, बिजली कंपनी, टैक्स कार्यालयों में रिश्वत देकर लोगों ने काम करवाये, वहीं 22 प्रतिशत ने दो बार या उससे अधिक तथा 33 प्रतिशत लोगों ने एक बार रिश्वत देकर काम करवाये हैं। प्रदेश का हर दूसरा व्यक्ति इस भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है और हमारे प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान एक दिन के नायक फिल्म की नकल कर खलनायक की भूमिका में है, 7 दिन में 17 लोगांे को सस्पेेंड कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने की नौटंकी कर आखिर क्या दर्शाना चाहते हैं? श्री पटवारी ने कहा कि किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा, किसान आत्महत्या करने पर विवश। किसान उचित मूल्य नहीं मिलने से अपनी सब्जी की फसल को सड़कों पर फेंक रहा है, गेहूं का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा, सबसे ज्यादा मप्र में बच्चियों का अपहरण हुआ, महिलाओं पर अत्याचार, रेप, गेंगरेप, आदिवासियों पर अत्याचार, लचर कानून व्यवस्था के चलते अपराधी सरेआम अपराध को अंजाम दे रहा है, हर दूसरा व्यक्ति नशा कर रहा है, प्रदेश को नशेड़ी प्रदेश बना दिया है। प्रदेश में भ्रष्टाचार की ग्रोथ क्या है मुख्यमंत्री बता ही नहीं पा रहे हैं। फिर भी प्रदेश सरकार अपने इंवेट और आयोजनों के लिए हर महीने हजारों करोड़ का कर्ज जरूर ले रही है। श्री पटवारी ने कहा कि सौदेबाजी कर सरकार बनाने के 3 साल बाद भी सरकार की कार्यप्रणाली मंे सुधार क्यों नहीं आया? मुख्यमंत्री जी नकली नायक बनकर जनता को भ्रमित करने के लिए असली नायक बनने का नाटक कर अधिकारियों को सस्पेंड कर रहे हैं, इसका कारण यह है कि ये अधिकारी सरकार की नीतियों और योजनाओं को लागू नहीं कर रहे हैं, जो व्यक्ति 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अपने होने का असर और सरकार की उपयोगिता का अहसास जनता के बीच नहीं करा पाये इससे चिंताजनक स्थिति और क्या होगी? इसका कारण यह है कि मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार अपना प्रशासनिक नियंत्रण खो बैठी है। प्रदेश में अराजकता की स्थिति बनी है, जिससे अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री की सुनवाई नहीं कर रहे हैं तब मुख्यमंत्री को गुस्सा क्यों नहीं आता? श्री पटवारी ने कहा कि अबकी बार भाजपा सरकार को इतने ज्यादा मार्जिन से हराओं कि वह सरकार गिराना तो दूर सरकार के आसपास भी नजर ना आ सके, ताकि प्रदेश के युवाआंे का भविष्य सुरक्षित हो सके, महिलाओं बच्चियों की सुरक्षा हो सके। किसानों को सम्मान मिल सके और प्रदेश विकास पथ पर आगे बढ़ सके।