ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं Politics by mpeditor - August 27, 2020August 27, 20200 मध्य प्रदेश में भाजपा का दामन थामने के बाद से सिंधिया अकसर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही नजर आते रहे हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया की संघ तक पहुंच में पार्टी की मराठी लॉबी की सक्रियता है। गौरतलब है कि मंगलवार को सिंधिया ने नागपुर में डॉ. मोहन भागवत और कार्यवाह भय्याजी जोशी से मुलाकात की थी। अटकलें हैं कि सिंधिया के मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर चर्चा हुई है। भाजपा में शामिल होने के करीब छह माह बाद पहली बार नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पहुंचे सिंधिया के साथ भाजपा के किसी अन्य नेता के न होने के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर भी सिंधिया शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत कर चुके हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा के तीन दिनी सदस्यता अभियान में उनके आह्वान पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं। उन पर यहां की 16 सीटों पर जीत की जिम्मेदारी है। संघ ने भी सिंधिया की चुनावी जंग आसान बनाने के लिए पहले ही क्षेत्र में प्रचारक-विस्तारक तैनात कर दिए हैं। साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया को भी सक्रिय करने को कहा है। सिंधिया के सियासी ग्राफ पर नजर रखने वाले इस घटनाक्रम में उनकी हिंदूवादी छवि और मराठी कनेक्शन की ओर संकेत करते हैं। दरअसल, जीवाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल संभाग में हिंदू महासभा की नींव को बेहद मजबूत किया था। वे अंचल के चुनाव में हिंदू महासभा के प्रत्याशी खड़ा किया करते थे। वर्ष 1957 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करवा दिया था। चारों सीटें हिंदू महासभा को मिली थीं। फिर राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने आरएसएस और जनसंघ को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। उसी विरासत पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में उनके लिए संघ का वरदहस्त जरूरी होगा। इसके लिए सिंधिया ने पार्टी में मराठी लॉबी को भी महत्व देना शुरू किया है। भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार भोपाल स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचने पर उन्होंने पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे को अपने साथ मंच पर बैठाया। वहीं इंदौर पहुंचने पर करीब एक घंटे तक सुमित्रा महाजन से चर्चा की। जाहिर है कि महाजन को संघ का बेहद करीबी माना जाता है। दोनों नेता मराठी मूल के हैं।