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मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर कमलनाथ ने उठाए सवाल

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की 18 वर्ष की सरकार में मध्यप्रदेश स्कूली शिक्षा के मामले में निरंतर गर्त में गया है, इसके गवाह खुद आँकड़े हैं और अब चुनावी वर्ष में जनता को गुमराह करने के लिए सीएम राईज विद्यालयों के झूठे सपने दिखाए जा रहे है।

कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में पिछले 18 वर्ष से भाजपा की सरकार है, यदि बात करें तो पिछले 18 वर्ष में मध्य प्रदेश स्कूली शिक्षा के मामले में निरंतर गर्त में गया है। यदि देशभर के आंकड़े उठाकर देखे जाएं तो स्कूली शिक्षा में मध्यप्रदेश का नंबर बेहद नीचे है और वही आज चुनावों को देखते हुए जनता को गुमराह करने के लिए उच्च स्तरीय बुनियादी संरचना वाले व स्मार्ट कक्षाएं, डिजिटल लर्निंग, सर्व सुविधा युक्त प्रयोगशाला, पुस्तकालय वाले सीएम राइज विद्यालयों के सपने दिखाए जा रहे हैं।पूर्व सीएम ने कहा कि यदि सरकार को शिक्षा के स्तर की व स्कूलों की इतनी चिंता है तो क्या कारण है कि उनकी पिछली 18 वर्ष की सरकार में सरकारी स्कूल खस्ताहाल स्थिति में पहुंच गए हैं, वहाँ आज भी सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण हजारों बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़े हैं, इसके गवाह खुद आंकड़े हैं, प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिये सरकार ने कदम क्यों नहीं उठाये? जो सरकार पिछले 18 वर्षों में प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति नहीं सुधार पाई है, आवश्यक सुविधाएं तक मुहैया नहीं करा पाई, वो आज किस आधार पर इतने बड़े-बड़े सपने दिखा रही है?

कमलनाथ ने सरकारी स्कूलों की वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाते हुए पूछा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अलग से चाइल्ड बजट लाने वाली सरकार की यह स्थिति है, यह सारी सच्चाई खुद सरकारी आँकड़ो में सामने आयी है। खुद सरकारी आंकड़ों में यह सच्चाई सामने आई है कि हजारों बच्चों ने टायलेट के अभाव में स्कूल छोड़े हैं और जब पिछले 18 वर्षों में भाजपा सरकार में सरकारी स्कूलों की यह स्थिति है तो इससे समझा जा सकता है कि सरकार प्रदेश में शिक्षा के स्तर व सरकारी स्कूलों की स्थिति के प्रति कितनी गंभीर है और चुनाव को देखते हुए करोड़ों की लागत वाले सीएम राइज स्कूलों के जो बड़े-बड़े झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं, उनकी क्या स्थिति होगी।

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