You are here
Home > Politics > सीएम शिवराज पर कमलनाथ ने कसा तंज, कहा- आज भी तेंदुपत्ता संग्राहकों को सिर्फ झूठे भाषण परोसे

सीएम शिवराज पर कमलनाथ ने कसा तंज, कहा- आज भी तेंदुपत्ता संग्राहकों को सिर्फ झूठे भाषण परोसे

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को खंडवा के खालवा मैदान में आयोजित तेंदूपत्ता संग्राहकों के कार्यक्रम में कई घोषणाएं की। उन्होंने तेंदूपत्ता के कुल लाभांश की 75 प्रतिशत राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों में वितरित करने के साथ ही संग्राहकों की मजदूरी बढ़ाकर तीन हजार प्रति मानक बोरा करने और इमारती लकड़ी कटाई के बाद उसकी 20 प्रतिशत राशि वन समितियों को देने का एलान किया। सीएम शिवराज की घोषणाओं पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज कसा है।

कमलनाथ ने एक के बाद लगातार कई ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहकों की राशि को हमने 2000/- से बढ़ाकर 2500/- उनके हित में किया था। अभी हाल ही में मैंने शिवराज सिंह जी को पत्र लिखकर बढ़ती महंगाई को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की तरह इस राशि को बढ़ाकर 4500/- करने की माँग की थी लेकिन सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेकर तेंदूपत्ता संग्राहको के हित में इस राशि को बढ़ाना चाहिये।पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज़्यादा जनजातीय वर्ग के लोग रहते हैं, इसमें से कऱीब 45 लाख लोग तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य से जुड़े हुए हैं। अभी पिछले कुछ समय पूर्व भी भोपाल के जम्बूरी मैदान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शिवराज सरकार ने वन उपज संग्राहक सम्मेलन के नाम पर 67 करोड़ रुपये तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस बांटने के नाम पर कऱीब 20-25 करोड़ रुपये खर्च एक इवेंट आयोजित किया था, तब भी मैंने कहा था कि यदि यह राशि तेंदूपत्ता श्रमिकों के हित व कल्याण में खर्च की जाती तो उनका ज़्यादा भला होता लेकिन चूँकि यह इवेंट प्रेमी सरकार है, जिसे हर काम में इवेंट करने की आदत है, इसलिये यह इवेंट जारी रहेंगे।कमलनाथ ने कहा कि आज भी तेंदूपत्ता श्रमिक परेशान होकर सरकार की तरफ़ अपनी विभिन्न माँगो को लेकर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। आज भी खंडवा के खालवा में तेंदूपत्ता संग्राहको को लाभांश वितरण के नाम पर एक इवेंट किया गया। यदि सरकार आज भी तेंदूपत्ता श्रमिकों के हित में इस आयोजन में कोई निर्णय लेती तो उचित होता लेकिन आज भी उन्हें बुलाकर सिर्फ़ भाषण परोसे गये।

Top