रतलाम में गूंजे कमलनाथ के बोल- बीजेपी सरकार ने खजाना तो खोला, लेकिन कर्जा लेकर MP by mpeditor - July 12, 2022July 12, 20220 रतलाम- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार प्राकृतिक संसाधनों का लाभ नहीं ले पाई. टैलेंट होने के बावजूद इसका लाभ नहीं ले पाई. मंत्रालय तक भ्रष्टाचार की व्यवस्था बनाई गई. उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि बीजेपी सरकार ने खजाना तो खोला, लेकिन कर्जा लेकर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नगरीय निकाय चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन सोमवार सुबह रतलाम पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की. उन्होंने यहां रोड शो किया और महापौर प्रत्याशी सहित 49 वार्ड पार्षदों के लिए समर्थन जुटाया. रोड शो से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शहर के बुद्धिजीवियों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों से चर्चा कर रतलाम के विकास का विजन मांगा. इस दौरान भी उन्होंने बीजेपी सरकार को जमकर घेरा. पूर्व सीएम कमलनाथ ने आरोप लगाए कि बीजेपी के शासनकाल में गांव से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार की व्यवस्था बनाई गई. सीएम कर्जा लेकर जनता के विकास का खजाना खोलेंगे, यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव जीतने पर सभी नगर निगम में एडवाइजरी कमेटी बनाएंगे, जिसकी मॉनिटरिंग मैं खुद करूंगा. और जरूरत पड़ने पर खुद इस कमेटी की मीटिंग भी लूंगा, ताकि हर शहर का सुनियोजित विकास हो सके. पूर्व सीएम ने किये ये ट्वीटरतलाम आने से पहले पूर्व सीएम ने ट्वीट किया- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूं तो प्रदेश भर में घूमकर रोज झूठ परोसते हैं, झूठी घोषणाए करते हैं, झूठे नारियल फोड़ते हैं, कहीं स्मार्ट सिटी, कहीं मिनी स्मार्ट सिटी, कहीं अस्पताल, कहीं स्कूल- कॉलेज, कहीं सड़क, कहीं पीने के पानी उपलब्ध कराने के झूठे सपने दिखाते हैं लेकिन, जब वह यही सपने अपने क्षेत्र की जनता को भी दिखाते हैं तो बड़ा आश्चर्य होता है? जिस क्षेत्र का वो वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहां आज भी उनको चुनाव को देखते हुए झूठी घोषणाएं करना पड़ रही हैं, झूठे सपने दिखाने पड़ रहे हैं. कमलनाथ ने ट्वीट किया- हमेशा की तरह आज भी वो झूठ परोसते रहे कि हमने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी थी, संबल योजना बंद कर दी थी, जबकि 15 माह की हमारी सरकार ने इनकी सरकार की तुलना में ज्यादा तीर्थ दर्शन ट्रेनें चलायी, संबल योजना में तीन गुना ज्यादा लाभ लोगों को दिया.