प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में किया भूमि पूजन Nation Politics by mpeditor - August 5, 2020August 5, 20200 492 साल बाद अयोध्याजी ने अपने इतिहास का पन्ना फिर से पलट दिया है। साल 1528- तब राम मंदिर को ढेर करके यहां बाबरी मस्जिद बना दी गई थी। आजादी के बाद लंबा मुकदमा चला। नौ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। झगड़े की जमीन रामलला की हुई और आज राम काज शुरू हो गया। मंदिर आंदोलन लालकृष्ण आडवाणी ने चलाया था, लेकिन प्रधानमंत्री होने के नाते मंदिर निर्माण की नींव रखने का मौका नरेंद्र मोदी को मिला। दिन भी अहम है। 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा था। 5 अगस्त 2020 को मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई है। दोनों भाजपा के वादे थे। 5 अगस्त 2021 को क्या होगा, ये किसी को पता नहीं। शायद मोदी ही बता पाएं। …तो लौटते हैं अयोध्या की ओर। मोदी बुधवार सुबह यहां पहुंचे। हनुमान गढ़ी में पूजा करने वाले और रामलला के दर्शन करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री बन गए। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे। मोदी 29 साल बाद अयोध्या आए। इससे पहले वे 1991 में अयोध्या आए थे। तब भाजपा अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और यात्रा में मोदी उनके साथ रहते थे। मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त फैजाबाद-अंबेडकर नगर में एक रैली को संबोधित किया था, लेकिन अयोध्या नहीं गए थे। 2000 पवित्र जगहों की मिट्टी, 100 से ज्यादा नदियों का पानी मोदी के पहुंचते ही पूजन शुरू हुआ। यहां 2000 पवित्र जगहों से लाई गई मिट्टी और 100 से ज्यादा नदियों से लाया गया पानी रखा गया था। 1989 में दुनियाभर से 2 लाख 75 हजार ईंटें जन्मभूमि भेजी गई थीं। इनमें से 9 ईंटों यानी शिलाओं को पूजन में रखा गया। पूजन के बाद मोदी को संकल्प दिलाया गया। 175 मेहमानों में 135 संत, सभी को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया गया कोरोना की वजह से भूमि पूजन समारोह में सिर्फ 175 लोगों को आमंत्रित किया गया। इनमें देश की कुल 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संत शामिल हुए। बाकी कारसेवकों के परिवार और अन्य लोगों को निमंत्रण दिया गया था। भूमि पूजन में शामिल होने वाले हर अतिथि को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया गया। सिक्का मंदिर ट्रस्ट ने दिया।